लोग वित्तीय बेहतरी को लेकर आशान्वित, अगले वर्ष अधिक बचत, निवेश को इच्छुक: सर्वेक्षण |

लोग वित्तीय बेहतरी को लेकर आशान्वित, अगले वर्ष अधिक बचत, निवेश को इच्छुक: सर्वेक्षण

लोग वित्तीय बेहतरी को लेकर आशान्वित, अगले वर्ष अधिक बचत, निवेश को इच्छुक: सर्वेक्षण

:   Modified Date:  May 24, 2024 / 08:28 PM IST, Published Date : May 24, 2024/8:28 pm IST

नयी दिल्ली, 24 मई (भाषा) देश में मौजूदा स्थिति और भविष्य की धारणा दोनों के संदर्भ में शहरी उपभोक्ताओं के बीच वित्तीय कल्याण से जुड़े सूचकांक में सुधार हुआ है। जहां लोगों ने अगले वर्ष तक अपनी आमदनी बढ़ने की उम्मीद जतायी है, वहीं उन्होंने अगले साल अधिक बचत और निवेश करने की भी बात कही है। शुक्रवार को जारी एक सर्वेक्षण में यह बात सामने आई।

होम क्रेडिट इंडिया फाइनेंस प्राइवेट लि. (एचसीआईएन) के उपभोक्ता व्यवहार पर वार्षिक सर्वेक्षण ‘द ग्रेट इंडियन वॉलेट स्टडी’ से यह आकलन सामने आया है।

सर्वेक्षण में शामिल 52 प्रतिशत प्रतिभागियों ने माना कि पिछले कैलेंडर वर्ष की तुलना में वर्ष 2024 में उनकी आय बढ़ी है। वहीं 74 प्रतिशत लोगों को अगले साल तक आय बढ़ने की उम्मीद है जबकि 66 प्रतिशत लोग आने वाले वर्ष में अधिक बचत और निवेश करने की मंशा जता रहे हैं।

अध्ययन के अनुसार, 2024 में व्यक्तिगत मासिक आय का औसत महानगरों में 35,000 रुपये और बड़े शहरों (टिअर 1) एवं मझोले शहरों (टिअर2) में 32,000 रुपये रहा। यह औसत पिछले साल महानगरों में 33,000 रुपये, बड़े शहरों में 30,000 एवं मझोले शहरों में 27,000 रुपये था।

अध्ययन के अनुसार, वर्तमान स्थिति और भविष्य की धारणा दोनों के संदर्भ में शहरी और कस्बाई उपभोक्ताओं के बीच वित्तीय कल्याण सूचकांक में पिछले वर्ष की तुलना में वृद्धि हुई है।

खर्च के संदर्भ में पाया गया कि औसत निम्न मध्यवर्गीय भारतीय ने सबसे अधिक 26 प्रतिशत किराने पर और 21 प्रतिशत किराये पर खर्च किया। इसके बाद यात्रा पर 19 प्रतिशत, बच्चों की शिक्षा पर 15 प्रतिशत और इलाज पर सात प्रतिशत खर्च किया गया।

वहीं बचत के संदर्भ में सर्वेक्षण कहता है कि 60 प्रतिशत लोगों ने निश्चित खर्चों के बाद आपात खर्चों के लिए नकदी अपने पास रखी। 62 प्रतिशत पुरुषों ने बचत की बात स्वीकार की जबकि 50 प्रतिशत महिलाओं ने बचत करने की जानकारी दी।

अंतरराष्ट्रीय उपभोक्ता वित्तप्रदाता होम क्रेडिट समूह की इकाई होम क्रेडिट इंडिया के मुख्य विपणन अधिकारी आशीष तिवारी ने कहा, ‘‘इस वर्ष का अध्ययन मजबूत आर्थिक वृद्धि के कारण बड़े और छोटे शहरों के उपभोक्ताओं के बीच समग्र वित्तीय कल्याण में वृद्धि को दर्शाता है। यह विभिन्न वर्गों और क्षेत्रों में उपभोक्ता धारणा, खर्च प्रतिरूप और बचत की आदतों के बारे में जानकारी देता है।’’

सर्वेक्षण दिल्ली-एनसीआर, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, बेंगलुरु, हैदराबाद, अहमदाबाद, पुणे, लखनऊ, जयपुर, भोपाल, पटना, रांची, चंडीगढ़, देहरादून, लुधियाना और कोच्चि समेत 17 शहरों में किया गया। इसमें 18-55 वर्ष की आयु के करीब 2,500 लोग शामिल हुए जिनकी वार्षिक आय दो लाख रुपये से पांच लाख रुपये थी।

भाषा निहारिका रमण प्रेम

प्रेम

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)