मुंबई, तीन फरवरी (भाषा) भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) ने बुधवार को चुनिंदा एनबीएफसी और शहरी सहकारी बैंकों के लिए जोखिम आधारित आंतरिक ऑडिट (आरबीआईए) प्रणाली पेश की, जिसका मकसद आंतरिक ऑडिट प्रणाली की गुणवत्ता और कार्यकुशलता को बढ़ाना है।
आरबीआई ने कहा कि ऐसी सभी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (एनबीएफसी), जो जमाएं लेती हैं और जिनकी परिसंपत्ति का आधार 5,000 करोड़ रुपये से अधिक है, तथा 500 करोड़ रुपये से अधिक परिसंपत्ति वाले शहरी सहकारी बैंकों (यूसीबी) को नई प्रणाली में स्थानांतरित करना होगा।
आरबीआई ने कहा कि इस समय उसके द्वारा पर्यवेक्षित सभी संस्थाओं का आंतरिक ऑडिट पर अपना दृष्टिकोण है, जिसके चलते कुछ विसंगतियां और जोखिम हैं।
एनबीएफसी और यूसीबी को भी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों के समान जोखिमों का सामना करना पड़ता है, इसलिए प्रक्रिया को एकरूप बनाने की जरूरत है।
भाषा पाण्डेय रमण
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