सेबी ने भारती टेलीकॉम, सुनील मित्तल, दो अन्य के खिलाफ मामले का निपटान किया | SEBI settles case against Bharti Telecom, Sunil Mittal, two others

सेबी ने भारती टेलीकॉम, सुनील मित्तल, दो अन्य के खिलाफ मामले का निपटान किया

सेबी ने भारती टेलीकॉम, सुनील मित्तल, दो अन्य के खिलाफ मामले का निपटान किया

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:47 PM IST, Published Date : October 22, 2020/3:23 pm IST

नयी दिल्ली, 22 अक्टूबर (भाषा) भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने भारती टेलीकॉम लि. और सुनील भारती मित्तल सहित चार इकाइयों के खिलाफ भारती एयरटेल के शेयरों के खरीद-फरोख्त में भेदिया कारोबार के नियमों के कथित उल्लंघन के मामले को समाप्त कर दिया है।

सेबी ने भारती एयरटेल के कारोबार में भेदिया कारोबार प्रतिबंध (पीआईटी) नियमों के उल्लंघन को लेकर कुछ इकाइयों की जांच की थी। इसके बाद सेबी ने यह आदेश जारी किया है।

जांच की अवधि के दौरान सुनील भारती मित्तल भारती एयरटेल के चेयरमैन थे, जबकि गोपाल विट्टल इसके निदेशक और रोहित कृष्ण पुरी अनुपालन अधिकारी थी। वहीं भारती टेलीकॉम इसकी प्रवर्तक थी।

भारती एयरटेल ने अक्टूबर, 2017 में शेयर बाजारों को भेजी सूचना में टाटा टेलीसर्विसेज लि. और टाटा टेलीसर्विसेज महाराष्ट्र लि. के उपभोक्ता मोबाइल कारोबार के प्रस्तावित अधिग्रहण की घोषणा की थी। अधिग्रहण से संबंधित सूचना कथित रूप से अप्रकाशित मूल्य संवेदनशील सूचना (यूपीएसआई) थी।

आरोप है कि यूपीएसआई की अवधि के दौरान भारती टेलीकॉम तथा गोपाल विट्टल के बीच लेनदेन हुआ। विट्टल ने 10 अगस्त, 2017 को कंपनी के 1.21 लाख शेयर भारती टेलीकॉम को बेचे।

कंपनी की आचार संहिता के अनुसार चूंकि 50,000 से अधिक शेयरों की बिक्री की गई, ऐसे में इसके लिए अनुपालन अधिकारी की मंजूरी ली जानी चाहिए थी। यह मंजूरी कंपनी के चेयरमैन के साथ विचार-विमर्श के बाद दी जानी चाहिए थी।

इस बारे में जारी कारण बताओ नोटिस में आरोप लगाया गया था कि अनुपालन अधिकारी रोहित कृष्ण पुरी, भारती एयरटेल के चेयरमैन सुनील मित्तल ने विट्टल को यूपीएसआई की अवधि के दौरान शेयर बिक्री की अनुमति देकर पीआईटी नियमनों के तहत आचार संहिता के प्रावधानों का उल्लंघन किया।

हालांकि, सेबी ने निष्कर्ष दिया है कि प्रस्तावित अधिग्रहण से संबंधित सूचना सार्वजनिक रूप से उपलब्ध थी और इसे यूपीएसआई नहीं माना जा सकता। सेबी ने कहा कि वास्तव में यह सूचना सात जुलाई, 2017 को ही सार्वजनिक हो गई थी।

ऐसे में नियामक ने भारती टेलीकॉम, सुनील मित्तल, गोपाल विट्टल और रोहित कृष्ण पुरी के खिलाफ आरोपों नकारते हुये उनका निपटान कर दिया है।

भाषा अजय

अजय महाबीर

महाबीर

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)