नयी दिल्ली, 13 जून (भाषा) दूरसंचार नियामक ट्राई ने मौजूदा और नए आवंटित ‘नंबरिंग’ संसाधनों का विवेकपूर्ण और कुशल उपयोग सुनिश्चित करने के लिए कंपनियों पर शुल्क लगाए जाने के बारे में हितधारकों से सुझाव मांगे हैं।
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने यह भी संकेत दिया है कि वह उन दूरसंचार सेवा प्रदाताओं पर वित्तीय जुर्माना लगाने पर विचार करेगा जो आवंटित नंबरों को एक निर्धारित समयसीमा से अधिक समय तक उपयोग में नहीं लाते हैं।
ट्राई ने अपने हालिया परामर्श पत्र ‘राष्ट्रीय नंबरिंग योजना का संशोधन’ में कहा है कि नंबर एक बेहद मूल्यवान सार्वजनिक संसाधन का प्रतिनिधित्व करते हैं और इनकी संख्या असीमित नहीं है।
अभी तक मोबाइल और लैंडलाइन सेवाओं दोनों के लिए दूरसंचार पहचानकर्ता (टीआई) संसाधन यानी नंबर सेवा प्रदाताओं को निःशुल्क आवंटित किए जाते हैं।
नंबर देने का स्वामित्व सरकार के ही पास है। वह सेवा प्रदाताओं को लाइसेंस की अवधि में निर्दिष्ट नंबर संसाधन पर उपयोग का अधिकार भी देती है।
हालांकि, ट्राई ने कहा है कि नंबरिंग संसाधनों के आवंटन में केवल सख्त मानदंडों का पालन से ही इन संसाधनों का विवेकपूर्ण और कुशल उपयोग सुनिश्चित नहीं किया जा सकता है।
ट्राई ने हाल ही में जारी अपने परामर्श पत्र में कहा, ‘‘किसी भी सीमित सार्वजनिक संसाधन का विवेकपूर्ण और कुशल उपयोग सुनिश्चित करने का एक तरीका इसके आवंटन के समय शुल्क लगाना है। कम उपयोग वाले नंबरिंग संसाधनों को अपने पास रखने वालों के लिए दंडात्मक प्रावधान शुरू करके कुशल उपयोग को अधिक सुनिश्चित किया जा सकता है।’’
ट्राई ने कहा, ‘‘इसे देखते हुए आवंटित नंबरिंग संसाधन के बदले दूरसंचार कंपनियों से मामूली शुल्क वसूलने पर विचार करना समझदारी हो सकती है।’’
कुछ देशों में नंबरिंग संसाधनों का आवंटन शुल्क के आधार पर किया जाता है, जिसमें मोबाइल नंबर, वैनिटी नंबर और राष्ट्रीय हित के लिए नंबर जैसी श्रेणियां शामिल हैं।
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प्रेम अजय
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