बदलते परिदृश्य के साथ चलना आईबीसी के लिए महत्वपूर्ण: राव इंद्रजीत |

बदलते परिदृश्य के साथ चलना आईबीसी के लिए महत्वपूर्ण: राव इंद्रजीत

बदलते परिदृश्य के साथ चलना आईबीसी के लिए महत्वपूर्ण: राव इंद्रजीत

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:51 PM IST, Published Date : April 30, 2022/6:38 pm IST

अहमदाबाद, 30 अप्रैल (भाषा) कंपनी मामलों के राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने शनिवार को कहा कि दिवाला एवं ऋणशोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) के लिए बदलते परिदृश्य के साथ चलना महत्वपूर्ण होगा क्योंकि यह ऋणदाताओं में जिम्मेदाराना व्यवहार लाने का सबसे कारगर साधन बन सकता है।

वह भारतीय प्रबंधन संस्थान अहमदाबाद (आईआईएम-ए) की तरफ से भारतीय दिवाला एवं शोधन अक्षमता बोर्ड (आईबीबीआई) के सहयोग से ‘दिवाला एवं ऋणशोधन अक्षमता’ विषय पर आयोजित एक अंतरराष्ट्रीय शोध सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने इस कानून के अर्थव्यवस्था के लिए वरदान साबित होने की उम्मीद जताते हुए कहा, ‘‘अभी तक इस कानून की यात्रा उत्कृष्ट रही है और आगे बढ़ते हुए बदलते परिदृश्य के साथ चलना अहम होगा। अन्य सभी चीजों की तरह इसमें भी सुधार होते रहना चाहिए।’’

सिंह ने कहा कि प्रस्तावित सीमापार दिवाला प्रारूप बाकी दुनिया के साथ भारत के संबंधों को नए सिरे से परिभाषित करने की दिशा में एक ‘ऐतिहासिक कदम’ है।

इसी कार्यक्रम में भारतीय रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर एम राजेश्वर राव ने कहा कि बकाया कर्ज राशि की तुलना वसूली गयी राशि से करना दिवाला कानून के प्रभाव का आकलन करने का ‘उचित संकेतक’ नहीं हो सकता है।

उन्होंने कहा कि यह समझने की जरूरत है कि मामला अदालतों में आने पर समय के साथ संपत्ति का मूल्य कमजोर हो सकता है। उन्होंने कहा कि वसूली और तरलता की तुलना की जानी चाहिए जो ऋणदाताओं के लिए सर्वश्रेष्ठ संभावित विकल्प है।

भाषा

मानसी प्रेम

प्रेम

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)