विप्रो का शुद्ध लाभ मार्च तिमाही में 7.8 प्रतिशत घटकर 2,835 करोड़ रुपये रहा |

विप्रो का शुद्ध लाभ मार्च तिमाही में 7.8 प्रतिशत घटकर 2,835 करोड़ रुपये रहा

विप्रो का शुद्ध लाभ मार्च तिमाही में 7.8 प्रतिशत घटकर 2,835 करोड़ रुपये रहा

:   Modified Date:  April 19, 2024 / 07:53 PM IST, Published Date : April 19, 2024/7:53 pm IST

बेंगलुरु, 19 अप्रैल (भाषा) सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) सेवा-प्रदाता विप्रो का पिछले वित्त वर्ष की मार्च तिमाही में एकीकृत शुद्ध लाभ सालाना आधार पर 7.8 प्रतिशत घटकर 2,834.6 करोड़ रुपये रहा।

हाल ही में नेतृत्व परिवर्तन से गुजरने वाली कंपनी ने जनवरी-मार्च 2024 तिमाही के नतीजों की जानकारी देते हुए कहा कि व्यापक-आर्थिक परिदृश्य अब भी ‘अनिश्चित’ बना हुआ है।

इसके साथ ही कंपनी ने अप्रैल-जून तिमाही के लिए आईटी सेवा की राजस्व वृद्धि में 1.5 प्रतिशत की गिरावट से से 0.5 प्रतिशत तक की वृद्धि रहने का अनुमान जताया है।

शेयर बाजार को दी गई सूचना के मुताबिक, बीती तिमाही में विप्रो का शुद्ध लाभ 7.8 प्रतिशत घटकर 2,834.6 करोड़ रुपये रहा जबकि एक साल पहले की समान तिमाही में यह 3,074.5 करोड़ रुपये रहा था।

आलोच्य तिमाही में कंपनी की परिचालन आय भी 4.2 प्रतिशत घटकर 22,208.3 करोड़ रुपये दर्ज की गई।

समूचे वित्त वर्ष 2023-24 में विप्रो की परिचालन आय 89,760.3 करोड़ रुपये रही जो 2022-23 की तुलना में 0.8 प्रतिशत कम है। इस दौरान कंपनी का शुद्ध लाभ भी सालाना आधार पर 2.6 प्रतिशत घटकर 11,045.2 करोड़ रुपये रहा।

इस बीच, कंपनी के निदेशक मंडल ने रिशद ए प्रेमजी को पांच वर्षों के लिए फिर से कार्यकारी चेयरमैन नियुक्त करने के प्रस्ताव पर सहमति जताई। यह नियुक्ति 31 जुलाई, 2024 से 30 जुलाई, 2029 तक के लिए प्रभावी होगी।

इसके अलावा अजीम एच प्रेमजी को भी समान अवधि के लिए फिर से कंपनी का गैर-कार्यकारी चेयरमैन नियुक्त करने की मंजूरी दी गई।

कुछ दिनों पहले ही विप्रो के मुख्य कार्यपालक अधिकारी बनाए गए श्रीनिवास पल्लिया ने वित्त वर्ष 2023-24 को समूचे आईटी जगत के लिए चुनौतीपूर्ण साल बताते कहा कि कंपनी का प्रदर्शन भी इससे प्रभावित हुआ है।

उन्होंने व्यापक-आर्थिक परिवेश को अब भी अनिश्चित बताते हुए कहा, ‘निकट अवधि में चुनौतियां बढ़ सकती हैं। लेकिन इसी के साथ अवसरों की संख्या भी असीमित है।’

पल्लिया ने कहा कि वृद्धि में तेजी लाना उनकी तत्काल प्राथमिकता है और इस दौरान पांच क्षेत्रों पर विशेष ध्यान रहेगा। उन्होंने कहा कि बड़े सौदों की रफ्तार बढ़ाना और बड़े ग्राहकों एवं भागीदारों के साथ संबंधों को मजबूत करना कंपनी की स्पष्ट प्राथमिकताओं में से एक है।

उन्होंने कहा, ‘हम प्रतिभाशाली कौशल का निर्माण जारी रखेंगे जो एआई-अनुकूल हैं और उद्योग-विशिष्ट व्यावसायिक समाधान देने में सक्षम हैं। अपने परिचालन मॉडल को सरल बनाना जारी रखेंगे और गति के साथ निष्पादन पर ध्यान केंद्रित करेंगे।’

भाषा प्रेम प्रेम रमण

रमण

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)