कलकत्ता उच्च न्यायालय का फैसला वोटबैंक की राजनीति करने वालों के मुंह पर तमाचा: विष्णु देव साय |

कलकत्ता उच्च न्यायालय का फैसला वोटबैंक की राजनीति करने वालों के मुंह पर तमाचा: विष्णु देव साय

कलकत्ता उच्च न्यायालय का फैसला वोटबैंक की राजनीति करने वालों के मुंह पर तमाचा: विष्णु देव साय

:   Modified Date:  May 23, 2024 / 03:05 PM IST, Published Date : May 23, 2024/3:05 pm IST

रायपुर, 23 मई (भाषा) छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आरक्षण पर कलकत्ता उच्च न्यायालय के निर्णय का स्वागत करते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि यह धर्म आधारित वोटबैंक और तुष्टीकरण की राजनीति करने वालों के मुंह पर तमाचा है।

कलकत्ता उच्च न्यायालय ने पश्चिम बंगाल में 2010 में कई वर्गों को दिया गया अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) का दर्जा बुधवार को रद्द कर दिया और राज्य में सेवाओं तथा पदों पर रिक्तियों में इस तरह के आरक्षण को अवैध करार दिया।

अदालत ने कहा, “इन समुदायों को ओबीसी घोषित करने के लिए वास्तव में धर्म ही एकमात्र मानदंड प्रतीत होता है।”

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने संकेत दिया है कि सरकार इस आदेश को उच्चतम न्यायालय में चुनौती देगी।

कलकत्ता उच्च न्यायालय के फैसले को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री साय ने कहा, ‘‘कांग्रेस और उसके गठबंधन ‘इंडिया’ के सहयोगी लगातार संविधान की हत्या की साजिश कर रहे हैं। हम सभी जानते हैं कि धर्म आधारित आरक्षण का भारतीय संविधान में कोई स्थान नहीं है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘कल माननीय कलकत्ता उच्च न्यायालय का इससे संबंधित एक फैसला आया है जिसमें अदालत ने 2010 के बाद पश्चिम बंगाल में जारी किए गए सभी धर्म आधारित ओबीसी प्रमाणपत्रों को रद्द कर दिया है। यह देश के ओबीसी, आदिवासी और तमाम पिछड़े समाजों के लिए बड़ा फैसला है।’’

साय ने कहा, ‘‘यह फैसला बताता है कि ममता बनर्जी की सरकार गैर-संवैधानिक तरीके से तुष्टीकरण की नीति को आगे बढ़ा रही थी। विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ केवल वोटबैंक की राजनीति के लिए लगातार आदिवासियों, पिछड़ों के हक पर डाका डाल रहा है, उनका अधिकार छीन कर मुसलमानों को देना चाहता है, इसकी जितनी निंदा की जाए वह कम है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इससे भी अधिक गंभीर बात यह है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि वे इस निर्णय को नहीं मानेंगी। यह बहुत ही दुर्भाग्यजनक है। हमारे प्रधानमंत्री मोदी जी भी लगातार यह स्पष्ट कर रहे हैं कि धर्म आधारित किसी आरक्षण का भारत के संविधान में कोई स्थान नहीं है। लगातार संविधान के बारे में दुष्प्रचार करने वाली कांग्रेस को बताना चाहिए कि इस तरह उनके गठबंधन ‘इंडिया’ द्वारा किए जा रहे कृत्य पर उसका क्या कहना है?’’

साय ने कहा, ‘‘भारतीय जनता पार्टी जहां परिश्रम की पराकाष्ठा कर रही है, वहीं कांग्रेस और उसका गठबंधन तुष्टीकरण की हद पार कर रही है। न तो भाजपा इसे सहन करेगी और न ही देश का पिछड़ा, दलित और आदिवासी वर्ग इसे बर्दाश्त करेगा। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस को इसका जवाब देना होगा।’’

भाषा संजीव नरेश खारी

खारी

 

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