natural paint will be made from cow dung in the Gauthans of Chhattisgarh

छत्तीसगढ़ के गौठानों में अब गोबर से बनेगा प्राकृतिक पेंट, सीएम भूपेश की मौजूदगी में 21 नवम्बर को होगा एमओयू

छत्तीसगढ़ के गौठानों में अब गोबर से बनेगा प्राकृतिक पेंट । natural paint will be made from cow dung in the Gauthans of Chhattisgarh

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:25 PM IST, Published Date : November 18, 2021/9:45 pm IST

रायपुर : छत्तीसगढ़ सरकार अब गौठानों में गोबर से प्राकृतिक पेंट (रंग) बनाने जा रही है। इसकी शुरूआत राज्य के 75 चयनित गौठानों से की जाएगी। गौठानों में प्राकृतिक पेंट के उत्पादन को लेकर तैयारियां शुरू कर दी गई है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मौजूदगी में 21 नवम्बर को रविवार को मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में प्राकृतिक पेंट निर्माण की तकनीकी हस्तांतरण के लिए छत्तीसगढ़ राज्य गौ सेवा आयोग एवं कुमाराप्पा नेशनल पेपर इंस्टीट्यूट जयपुर, खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग, सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय नई दिल्ली के मध्य एमओयू निष्पादित होगा।

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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देशानुसार कृषि विभाग द्वारा गौठानों का चयन और वहां पर प्राकृतिक पेन्ट निर्माण हेतु कार्बाेक्सी मिथाईल सेल्यूलोज (सी.एम.सी.) निर्माण इकाई एवं पेन्ट निर्माण इकाई की स्थापना की पहल शुरू कर दी गई है। गौठानों में स्थापित की जाने वाली पेंट निर्माण इकाईयों से प्रतिदिन 500 लीटर प्राकृतिक पेंट का उत्पादन होगा। प्रथम चरण में गौठानों में स्थापित पेंट निर्माण इकाईयों से प्रति वर्ष लगभग 37.50 लाख लीटर प्राकृतिक पेंट का उत्पादन संभावित है। प्राकृतिक पेंट का वर्तमान में विक्रय मूल्य 120 रूपए प्रति लीटर जीएसटी अतिरिक्त है। इसके मान से छत्तीसगढ़ के गौठानों में बनने वाले प्राकृतिक पेंट के विक्रय से प्रति वर्ष 45 करोड़ रूपए की सकल आय होगी।

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प्राकृतिक पेंट निर्माण के लिए गौठानों से जुड़ी महिला स्व-सहायता समूह की महिलाओं और गांवों के युवाओं को विधिवत् प्रशिक्षण दिया जाएगा। गोबर से प्राकृतिक पेंट बनाए जाने की तकनीकी कुमाराप्पा नेशनल पेपर इंस्टीट्यूट जयपुर, खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग, सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय नई दिल्ली द्वारा विकसित की गई है। प्राकृतिक पेन्ट निर्माण तकनीकी हस्तांतरण हेतु छत्तीसगढ़ राज्य गौसेवा आयोग को अधिकृत किया गया है।

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गौठानों में गोबर से प्राकृतिक पेंट बनाने की विस्तृत कार्ययोजना कृषि विभाग द्वारा तैयार की गई है। इसका उद्देश्य ग्रामीण अंचल में महिला समूहों और युवकों को रोजगार का अवसर प्रदान करने के साथ ही आय का जरिया भी उपलब्ध कराना है। यहां यह उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ में गोधन संरक्षण एवं संवर्धन के लिए गांवों में गौठानों का निर्माण कराया गया है। इन गौठानों में गोधन न्याय योजना के तहत 2 रूपए किलो में गोबर खरीदी बीते सवा साल से की जा रही है। गोबर से गौठानों में वर्मी कम्पोस्ट, सुपर कम्पोस्ट के निर्माण के साथ-साथ महिला समूह अन्य उत्पाद तैयार कर अतिरिक्त आय अर्जित कर रही है। 02 अक्टूबर 2021 को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गौठानों में गोबर से विद्युत उत्पादन की परियोजना का भी शुभारंभ किया था। अब गोबर से प्राकृतिक पेंट का उत्पादन भी छत्तीसगढ़ में शुरू होने जा रहा है। इससे गांवों में रोजगार और आय के अवसर बढ़ेंगे।

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गौरतलब है कि प्राकृतिक पेन्ट निर्माण का मुख्य घटक कार्बाेक्सी मिथाईल सेल्यूलोज (सी.एम.सी.) होता है। 100 किलो गोबर से लगभग 10 किलो सूखा सीएमसी तैयार होता है। कुल निर्मित पेन्ट की मात्रा का 30 प्रतिशत भाग सी.एम.सी. का होता है। कृषि विभाग द्वारा तैयार की गई कार्ययोजना में 25 गौठानों में पेंट निर्माण इकाई तथा 50 गौठानों में सीएमसी इकाई की स्थापना की जाएगी। इसके लिए गोधन न्याय योजनांतर्गत न्यूनतम 400 किलो गोबर प्रतिदिन क्रय किये जाने वाले सड़क मार्ग से जुड़े गौठानों का चयन किया गया है, जहां वर्किंग शेड, विद्युत एवं पानी उपलब्ध है।