इंदौर: किसान एक तरफ प्याज की बंपर पैदावार से खुश हैं तो वहीं मंडी में दाम ना मिलने से परेशान भी है, हालत ये है कि बड़ी मंडियों में किसान की उपज की लागत तक नहीं निकल पा रही है। दरअसल इन दिनों मंडी में ठंड में पैदा होने वाले प्याज की आवक बढ़ी है,किसानों के मुताबिक इस प्याज की लागत प्रति किलो 10 रुपये है,जबकि इसी प्याज की कीमत मंडी में 5 रुपये प्रति किलो तक मिल रही, जिसकी वजह से किसानों को भारी नुकसान हो रहा है ।
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किसानों की मांग है कि प्याज का कम से कम इतना मूल्य मिले की उनकी लागत निकल जाए, लेकिन हालत इसके उलट हैं,किसान लागत छोड़िए भाड़ा भी नहीं निकाल पा रहे हैं, वहीं बंपर पैदावार के चलते प्याज का भंडारण करना भी संभव नहीं हो पा रहा है। बता दें कि इस बार मालवा में प्रति बीघा 100 से 150 कट्टा प्याज की पैदावार हुई है, हालांकि प्याज की घटती कीमत को देखते हुए अब सियासत भी शुरू हो गयी है। एक समय प्याज के कम दाम पर कांग्रेस के भारी विरोध का सामना करने वाली bjp अब कमलनाथ सरकार पर किसानों के साथ धोखा करने का आरोप लगा रही है।
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आपको ध्यान दिला दें कि उस समय कांग्रेस ने सस्ती प्याज और किसानों की समस्या को बड़ा मुद्दा बनाया था, जिसके बाद शिवराज सरकार ने प्याज का समर्थन मूल्य घोषित कर किसानों से प्याज खरीदी थी जिसमें से अधिकतर प्याज सही रखरखाव के अभाव में खराब हो गई थी ।
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