भोपालः मंत्री के खिलाफ कदम उठाना वन विभाग के वनपाल को भारी पड़ गया। इंदौर जिले की बड़गोंदा फारेस्ट रेंज में पदस्थ वनपाल रामसुरेश दुबे ने पर्यटन मंत्री उषा ठाकुर के खिलाफ पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई थी, जिस पर मंत्री उषा ठाकुर को सफाई देनी पड़ रही थी। बहरहाल वन मंत्री ने जांच के आदेश दिए है, लेकिन वनपाल का तबादला कर दिया गया है, जिसे लेकर विपक्ष और सत्ता पक्ष में जुबानी जंग छिड़ गई है।
अपने बयानों के लिए हमेशा सुर्खियों में रहने वाली पर्यटन और सांस्कृतिक मंत्री उषा ठाकुर के लिए इस बार मुश्किलें बढ़ सकती है, जिस वनपाल रामसुरेश दुबे ने मंत्री उषा ठाकुर और उनके समर्थकों के खिलाफ आवाज उठाई थी उस वनपाल का तबादला कर दिया गया है। दरअसल, पूरा मामला 10 जनवरी का है। वनमंडल की बड़गौदा रेंज के जामनीया में अवैध खनन किया जा रहा था, जिसकी सूचना मिलने पर वनपाल रामसुरेश दुबे तत्काल मौके पर पहुंचे और कार्रवाई करते हुए उन्होंने खुदाई में इस्तेमाल की जा रही जेसीबी और ट्रैक्टर ट्राली को जब्त कर बड़गौदा रेंज दफ्तर के परिसर में लाकर खड़ा कर दिया। लेकिन वाहन जब्ती की जानकारी लगने पर दूसरे दिन 11 जनवरी की रात में मंत्री समर्थक मनोज पाटीदार ,उषा ठाकुर और बीजेपी कार्यकर्ता परिसर से चौकीदार को डरा धमका कर जब्त जेसीबी और ट्रैक्टर ट्रॉली छुड़ा कर ले गए। इस मामले की शिकायत वनपाल रामसुरेश दुबे ने लिखित में बड़गौदा थाने में की थी। हालाकि,आवेदन में मंत्री का नाम होने की वजह से पुलिस ने मामला तो दर्ज नहीं किया। मामला उजागर होने के बाद वन मंत्री विजय शाह ने मामले की जांच के आदेश जरुर दिए है। इधर वनपाल रामसुरेश दुबे का तबादला बड़गौदा रेंज से मानपुर रेंज में कर दिया गया है, जिसे लेकर कांग्रेस मुखर है।
हालांकि, तबादले की बात सामने आने के बाद बीजेपी भी उषा ठाकुर के पक्ष में खड़ी नजर आ रही है। बीजेपी नेताओं का कहना है, कि ये विभागीय कार्यवाई है। कांग्रेस का काम काम केवल आरोप लगाना है।
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बहरहाल तबादला से आहत वनपाल रामसुरेश दुबे ने हाइकोर्ट जाने की तैयारी जरुर कर ली है, लेकिन वन विभाग के आला अधिकारी रामसुरेश दुबे पर लगातार कोर्ट में नहीं जाने के लिए दबाव बना रहे हैं। इसी वजह से वनपाल दुबे को वन विभाग के अधिकारी दिनभर अपने कार्यालय में बैठा कर समझाइश देते रहे।