केंद्रीय सचिव ने की विशेष केंद्रीय सहायता संविधान की समीक्षा, लधु वनोपज आधारित ट्रायबल लाईवलीहुड का प्रकल्प भेजने के जारी किए निर्देश | Union Secretary reviewed special central assistance constitution Instructions issued for sending project of Ladhu Vanopaj based Tribal Livelihood

केंद्रीय सचिव ने की विशेष केंद्रीय सहायता संविधान की समीक्षा, लधु वनोपज आधारित ट्रायबल लाईवलीहुड का प्रकल्प भेजने के जारी किए निर्देश

केंद्रीय सचिव ने की विशेष केंद्रीय सहायता संविधान की समीक्षा, लधु वनोपज आधारित ट्रायबल लाईवलीहुड का प्रकल्प भेजने के जारी किए निर्देश

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:58 PM IST, Published Date : December 1, 2019/11:52 am IST

रायपुर। केन्द्रीय जनजातीय कार्य मंत्रालय के सचिव दीपक खाड़ेकर ने रविवार को छत्तीसगढ़ प्रवास के दौरान रायपुर के नवीन विश्राम गृह के सभाकक्ष में भारत सरकार द्वारा विशेष केन्द्रीय सहायता संविधान के अनुच्छेद 275(1) तथा विशेष पिछड़ी जनजाति समूह (पीवीटीजी) स्कीम में केन्द्र सरकार द्वारा विगत वर्षो में दी गई सहायता राशि के तहत राज्य में हुए कार्यो की समीक्षा की। उन्होंने लधु वनोपज आधारित आजिविका के लिए कार्य करने वालों की दक्षता बढ़ाने हेतु ट्रायबल लाईवलीहुड का प्रकल्प का प्रस्ताव तैयार कर भेजने के निर्देश दिए।

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बैठक में छत्तीसगढ़ शासन के सचिव आदिम जाति एवं अनुसूचित विकास डी.डी. सिंह, अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक सुनील मिश्रा, प्रबंध संचालक लधु वन उपज संध संजय शुक्ला, आदिम जाति एवं अनुसूचित विकास विभाग के संयुक्त सचिव डी.डी. कुजांम, उपायुक्त द्वय संजय गौर, प्रज्ञान सेठ एवं कार्यक्रम उप संचालक अनुपम त्रिवेदी भी उपस्थित थे।
बैठक में वनअधिकार अधिनियम के अंतर्गत प्रदत्त वन अधिकार के अभिलेख के संघारण पर विशेष बल दिया गया। खाड़ेकर ने सुझाव दिया कि वन, राजस्व, पंचायत एवं ग्रामीण विकास और आदिम जाति एवं जनजाति विकास विभाग की संयुक्त समिति बनाकर क्रियान्वयन में आ रही विभिन्न समस्याओं को दूर किया जाए। वन अधिकार मान्यता पत्र के निरस्त व्यक्तिगत दावों पर पुर्नविचार करने के संबंध में नियमानुसार कार्रवाई करने कहा। अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक सुनील मिश्रा ने बताया कि राज्य में लगभग 5 हजार 569 दावों के एमएल (डिजिटल फाइल) तैयार कर भारतीय वन सर्वेक्षण संस्थान को उपलब्ध करायी गई है।

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केंद्रीय सचिव ने समीक्षा के दौरान यह भी कहा कि वन अधिकार अधिनियम के तहत विभिन्न दास्तावेजीकरण के लिए भारत सरकार के द्वारा प्रस्ताव प्राप्त होने पर विचार कर सहायता दी जा सकती है। उन्होंने निरस्त सामूहिक दावों की समीक्षा करने के भी निर्देश अधिकारियों को दिए। केन्द्रीय सचिव ने सुझाव दिया कि ट्रायबल लाईवलीहुड के लिए एक प्रकल्प का प्रस्ताव तैयार कर स्वीकृति के लिए केन्द्र को भेजे।

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केन्द्रीय सचिव ने कहा कि प्रयास विद्यालय, कन्या परिसर आदर्श आवासीय विद्यालय और गुरूकुल विद्यालय को एकलव्य विद्यालय के अनुरूप संचालित किए जाने और इसके लिए आवर्ती व्यय केन्द्र सरकार द्वारा दिए जाने पर विचार किया जा सकता है। उन्होंने विशेष केन्द्रीय सहायता मद में लंबित राशि के उपयोगिता प्रमाण-पत्र शीध्र भेजने के निर्देश विभाग के अधिकारियों को दिए। दीपक खाड़ेकर ने कहा कि वन अधिकार अधिनियम मान्यता पत्र क्रियान्वयन संबंध में वर्ष 2020 के फरवरी माह में एक दिवसीय वृहत राज्य स्तरीय कार्यशाला आयोजित करने के लिए कार्यवाही करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि राज्य से प्रस्ताव प्राप्त होने पर कार्यशाला आयोजित करने के लिए धनराशि केन्द्र सरकार उपलब्ध कराएगी। कार्यशाला में अधिनियम क्रियान्वयन से संबंधित मैदानी स्तर पर ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत, जिला पंचायत, राज्य स्तर तक के जनप्रतिनिधियों के साथ ही वन, आदिम जाति एवं जनजाति विकास विभाग, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, पेसा, जैव विविधता, संयुक्त वन प्रबंधन से जुड़ी समितियों के प्रतिनिधियों की भागीदारी सुनिश्चित की जाए।

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प्रबंध संचालक लधु वन उपज संध संजय शुक्ला ने बताया कि राज्य में विभिन्न वनोपज का निर्धारित समर्थन मूल्य के अनुसार खरीदी की कार्यवाही की जाती है और मूल्य संवर्धन के लिए संग्रहणकर्ताओं को प्रायमरी प्रोसेसिंग का भी प्रशिक्षण दिया जाता है। लधु वनोपज संध संग्राहकों को संग्रहण, भंडारण और प्राथमिक प्रसंस्करण में सहायता भी करता है। उन्होंने बताया कि इसके आधारभूत ढ़ाचे को और अधिक मजबूत बनाया जा रहा है। इसमें वनधन केन्द्रों की भी महत्वपूर्ण भूमिका है। श्री शुक्ला ने यह भी अवगत कराया कि लधु वनोपज संध अपने 139 केन्द्रों में 17 हजार महिलाओं को प्रशिक्षित कर रहा है। इन महिलाओं को लधु वनोपज आधारित आजिविका के लिए दक्षता बढ़ाने प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

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