मानव तस्करी के जरिये कंबोडिया पहुंचे 300 भारतीयों ने की ‘बगावत’, अधिकतर गिरफ्तार : आंध्र पुलिस |

मानव तस्करी के जरिये कंबोडिया पहुंचे 300 भारतीयों ने की ‘बगावत’, अधिकतर गिरफ्तार : आंध्र पुलिस

मानव तस्करी के जरिये कंबोडिया पहुंचे 300 भारतीयों ने की ‘बगावत’, अधिकतर गिरफ्तार : आंध्र पुलिस

:   Modified Date:  May 21, 2024 / 06:25 PM IST, Published Date : May 21, 2024/6:25 pm IST

विशाखापत्तनम, 21 मई (भाषा) हाल में यहां मानव तस्करी गिरोह का भंड़ाफोड़ होने की पृष्ठभूमि में आंध्र प्रदेश पुलिस ने मंगलवार को कहा कि अवैध तरीके से कंबोडिया ले जाए गए 300 भारतीयों ने 20 मई को अपने संचालकों के खिलाफ ‘बगावत’ कर दी जिसकी वजह से उनमें से अधिकतर को गिरफ्तार कर लिया गया है।

पुलिस ने बताया कि इनमें से 150 लोग विशाखापत्तनम के निवासी हैं और पिछले एक साल से कंबोडिया में फंसे हुए हैं, जहां उन्हें चीनी संचालकों द्वारा साइबर अपराध और ‘पोंजी’ घोटाले को अंजाम देने के लिए मजबूर किया जा रहा है।

विशाखापत्तन के पुलिस आयुक्त ए. रवि शंकर ने रेखांकित किया कि मानव तस्करी के जरिये कंबोडिया ले जाए गए भारतीयों ने शिहानोउकविले के जिनबेई और कम्पाउंड में बलवा कर दिया जो कथित तौर पर साइबर अपराध का केंद्र है।

शंकर ने एक विज्ञप्ति में बताया, ‘‘कई लोगों ने व्हाटसऐप के जरिये विशाखापत्तनम पुलिस से संपर्क किया और वीडियो भेजे। कल (सोमवार को) करीब 300 भारतीयों ने कंबोडिया में अपने संचालकों के खिलाफ ‘बगावत’ कर दी।’’

विशाखापत्तनम पुलिस ने 18 मई को चुक्क राजेश, एस कोंडल राव और एम. ज्ञानेश्वर राव को मानव तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया था। गिरफ्तार आरोपी भारत में युवाओं को सिंगापुर में डाटा एंट्री की नौकरी दिलाने का प्रलोभन देते थे, लेकिन वास्तव में साइबर अपराध को अंजाम देने के लिए उन्हें कंबोडिया भेज देते थे।

पुलिस ने बताया कि कंबोडिया पहुंचने के बाद युवाओं को चीनी संचालकों द्वारा बंदी बना लिया जाता, उन्हें प्रताड़ित किया जाता था और गेम धोखाधड़ी, स्टॉक बाजार धोखाधड़ी और अन्य अपराधों को अंजाम देने के लिए मजबूर किया जाता था।

विशाखापत्तनम पुलिस ने फंसे लोगों की सहायता और उन्हें वापस लाने के लिए विदेश मंत्रालय और संबंधित विभागों से संपर्क किया क्योंकि उनमें से अधिकांश को सोमवार की ‘बगावत’ के बाद जेल भेज दिया गया है।

विशाखापत्तनम के संयुक्त पुलिस आयुक्त फक्कीरप्पा कागिनेल्ली के अनुसार, देशभर से करीब 5,000 लोगों को विभिन्न एजेंटों के माध्यम से कंबोडिया भेजा गया है।

भाषा धीरज अविनाश

अविनाश

 

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