दिल्ली में 64फीसद मौतें बिना टीका वालों एवं गंभीर बीमारियों से ग्रस्त लोगों में देखी गयीं: सरकार |

दिल्ली में 64फीसद मौतें बिना टीका वालों एवं गंभीर बीमारियों से ग्रस्त लोगों में देखी गयीं: सरकार

दिल्ली में 64फीसद मौतें बिना टीका वालों एवं गंभीर बीमारियों से ग्रस्त लोगों में देखी गयीं: सरकार

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:59 PM IST, Published Date : January 27, 2022/7:54 pm IST

नयी दिल्ली, 27 जनवरी (भाषा) टीकाकरण को कोरोना वायरस के विरूद्ध सबसे महत्वपूर्ण हथियारों में से एक करार देते हुए सरकार ने कहा है कि दिल्ली में कोविड की वजह से करीब 64 फीसद मौतें ऐसे लोगों के बीच बीच देखी गयीं जिन्होंने टीका नहीं लिया था और अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रस्त थे।

राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) के निदेशक डॉ. एस के सिंह ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि बिना टीका वाले एवं अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रस्त लोग उच्च जोखिम समूह में आते हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘ आज के दिल्ली के आंकड़े पर भी देखा जाए तो हमारे सामने जितनी मौतें हुई हैं उनमें 64 फीसद उन लोगों के बीच हुई जिन्होंने टीका नहीं लगवाया है और जिन्हें अन्य गंभीर बीमारियां हैं। इसलिए जिन लोगों ने टीका नहीं करवाया और जिन्हें अन्य गंभीर बीमारियां हैं, वे ही उच्च जोखिम समूह में आते हैं। ’’

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव ने टीकाकरण को कोविड-19 के विरूद्ध सबसे महत्वपूर्ण हथियारों में से एक बताया।

उन्होंने कहा, ‘‘बिना टीका वालों की तुलना में टीके मौत (का जोखिम) कम करने की क्षमता दर्शाते हैं, क्योंकि यह बिना टीका वाले लोगों की तुलना में टीका लगवा चुके लोगों में मृत्यु का खतरा काफी घटा देते हैं।’’

भार्गव ने उन राज्यों से टीकाकरण की रफ्तार बढ़ाने की अपील की जहां टीकाकरण की दर कम है।

उन्होंने कहा, ‘‘ हम देश में 95 प्रतिशत पहली खुराक तक और वयस्कों के बीच 74 फीसद पूर्ण टीकाकरण तक पहुंच गये हैं लेकिन अब भी कुछ राज्य हैं जहां टीकाकरण निम्न है, इसलिए मैं उन राज्यों से टीकाकरण एवं उसकी रफ्तार बढ़ाने की अपील करना चाहूंगा क्योंकि यह यह उन सबसे महत्वपूर्ण हथियारों में से एक है जो हमारे पास कोविड-19 के विरूद्ध बचाव के तौर पर उपलब्ध हैं। ’’

उन्होंने कहा कि देश में पर्याप्त टीके उपलब्ध हैं, इसलिए उसे हर तरीके से बढ़ावा दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जिन लोगों को अन्य गंभीर बीमारियों हैं , उन्हें भीड़ से जरूर ही बचना चाहिए एवं सुनिश्चित करना चाहिए कि उन्हें संक्रमण न हो।

उन्होंने कहा, ‘‘ क्योंकि नतीजा अन्य रूगण्ता वालों में अच्छा नहीं है। ’’

स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि टीकाकरण से देश में मामले कम करने, अस्पतालों में भर्ती कम करने, मामलों की गंभीरता घटाने में मदद मिली। उन्होंने एक तुलना पेश करते हुए कहा कि भारत में दूसरी लहर के चरम के दौरान सात मई, 2021 को 4,14,188 नये मामले सामने आये थे ( तब बस तीन फीसद को टीका लगा था) और 3679 मौतें हुई थीं जबकि 21 जनवरी, 2022 को कुल 3,47,254 मामले सामने आये और 435 मौतें हुईं।

भाषा राजकुमार नरेश

नरेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)