ईटानगर, 23 मई (भाषा) अरुणाचल प्रदेश के चांगलांग जिले में फर्जी मतदाता पहचान पत्र बनाने को लेकर निर्वाचन अधिकारियों के कार्रवाई नहीं करने के बाद एक महिला की शिकायत पर राज्य मानवाधिकार आयोग (एपीएसएचआरसी) ने उनके खिलाफ संज्ञान लिया है।
महिला ने पिछले साल जून में निर्वाचन आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी। महिला ने आरोप लगाया था कि चांगलांग के जिला निर्वाचन अधिकारी (डीईओ) और निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी (ईआरओ) ने उस व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई नहीं की, जिस पर ‘धोखाधड़ी से फर्जी मतदाता पहचान पत्र प्राप्त करने’ का आरोप लगाया गया था।
आरोपी ने इस साल मार्च में विधानसभा चुनाव में बोरदुम्सा-दियुन निर्वाचन क्षेत्र के लिए अपना नामांकन दाखिल किया था, लेकिन उसका नामांकन खारिज कर दिया गया था।
राज्य मानवाधिकार आयोग के सदस्य बामांगा तागो द्वारा बुधवार को जारी एक आदेश के अनुसार चांगलांग जिले के बोरदुम्सा-दियुन के ईआरओ ने 23 अगस्त, 2023 को मामले में सुनवाई के बावजूद शिकायत पर कोई निर्णय नहीं लिया और 15 फरवरी, 2024 को जिले के डीईओ ने भी अपील पर सुनवाई के बाद कोई निर्णय नहीं लिया था।
आदेश के अनुसार इन कृत्यों को राज्य मानवाधिकार आयोग ने गंभीरता से लिया है।
आदेश में कहा गया है, ”कार्रवाई नहीं किये जाने के कारण एक व्यक्ति को मतदाता बने रहने और नामांकन जमा करने की अनुमति मिली, जिसके खिलाफ मतदाता पहचान पत्र के संबंध में धोखाधड़ी और जालसाजी की शिकायतें लंबित हैं।”
एपीएसएचआरसी ने बोरदुम्सा-दियुन के ईआरओ द्वारा 23 अगस्त, 2023 को मामले में हुई सुनवाई की पूरी कार्यवाही और इस साल 15 फरवरी को डीईओ द्वारा सुनी गई अपील पर विस्तृत जवाब प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।
आयोग ने यह भी कहा कि उन्हें (अधिकारियों को) यह भी बताना चाहिए कि आयोग को 15 दिन के भीतर उनके खिलाफ उचित जांच की सिफारिश क्यों नहीं करनी चाहिए।
शिकायतकर्ता ने दावा किया कि आरोपी 1873 के बंगाल ईस्टर्न फ्रंटियर रेगुलेशन का उल्लंघन करते हुए आवश्यक इनर लाइन परमिट (आईएलपी) प्राप्त किए बिना अरुणाचल प्रदेश में रह रहा था।
महिला के अनुसार, उस व्यक्ति ने 2022 में बिना निवास का प्रमाण दिए, दियुन-बोरदुम्सा निर्वाचन क्षेत्र में धोखाधड़ी से मतदाता पहचान पत्र प्राप्त किया।
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वैभव
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