गुवाहाटी, सात जून (भाषा) ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) असम में तीन लोकसभा सीट पर पार्टी की हार के कारणों का विश्लेषण करने के लिए वरिष्ठ नेताओं की एक तथ्यान्वेषी समिति गठित करेगा।
एआईयूडीएफ को उस समय झटका लगा जब इसके अध्यक्ष एवं लगातार तीन बार धुबरी से सांसद रहे बदरुद्दीन अजमल को कांग्रेस के रकीबुल हुसैन ने रिकॉर्ड 10 लाख से अधिक मतों से हरा दिया।
पार्टी प्रवक्ता अमीनुल इस्लाम ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘हमें अपनी गलतियों का विश्लेषण करना होगा और यह देखना होगा कि हमसे कहां गलती हुई। एक तथ्यान्वेषी समिति गठित की जायेगी और उसके सदस्य प्रत्येक जिले में जाकर लोगों से बातचीत करेंगे और पता लगाएंगे कि उन्होंने हमें वोट क्यों नहीं दिया।’’
एआईयूडीएफ ने नगांव और करीमगंज में भी चुनाव लड़ा था, जहां उसके उम्मीदवार अमीनुल इस्लाम और सहाबुल इस्लाम चौधरी तीसरे स्थान पर रहे।
केवल तीन निर्वाचन क्षेत्रों में चुनाव लड़ने के बारे में पूछे जाने पर इस्लाम ने कहा, ‘‘हम नहीं चाहते थे कि धर्मनिरपेक्ष वोट बंटें, इसलिए हमने केवल तीन सीट पर चुनाव लड़ा, लेकिन लोगों ने हमें खारिज कर दिया और कांग्रेस के पक्ष में जनादेश दिया।’’
उन्होंने दावा किया कि इस चुनाव में 78 प्रतिशत अल्पसंख्यक वोट कांग्रेस के पक्ष में गए हैं और असम कोई अपवाद नहीं है।
एआईयूडीएफ नेता ने कहा, ‘‘राजनीति में हार-जीत लगी रहती है। कई बार ऐसा हुआ है कि पार्टियों ने अच्छा प्रदर्शन नहीं किया है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि उन्हें नकार दिया गया है।’’
इस्लाम ने कहा, ‘‘लोगों द्वारा बताई गई गलतियों को सुधारने के प्रयास किए जाएंगे और हम उनका विश्वास जीतने के लिए एक नई शुरुआत करेंगे।’’
भाषा
देवेंद्र सुरेश
सुरेश
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