गुवाहाटी, 16 जून (भाषा) चाय बागान समुदायों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के लिए असम सरकार ने ‘द हंस फाउंडेशन’ (टीएचएफ) के साथ समझौता किया है ताकि 120 बागानों में बुनियादी उपचार प्रदान करने के लिए सभी सुविधाओं से लैस 40 मेडिकल वैन शुरू की जा सके।
श्रम कल्याण विभाग और द हंस फाउंडेशन ने हाल ही में असम के तिनसुकिया और डिब्रूगढ़ जिलों के 120 सबसे कमजोर चाय बागानों में हंस मोबाइल मेडिकल यूनिट परियोजना शुरू करने के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं।
श्रम कल्याण विभाग के प्रधान सचिव बी कल्याण चक्रवर्ती ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘कोई सरकार हर नागरिक की देखभाल नहीं कर सकती, चाहे वह कितनी भी कोशिश कर ले। यह परियोजना दीर्घकालिक होगी, जो राज्य के सबसे वंचित समुदायों में से एक को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा प्रदान करेगी।’
चक्रवर्ती ने कहा, ‘इसका एक और पहलू भी है। अंदरूनी इलाकों में पर्याप्त स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं होने के कारण हमें अक्सर सुनने को मिलता है कि चाय बागानों के लोग बीमारी की स्थिति में अक्सर झाड़ फूंक के झांसे में आ जाते हैं। हमारा लक्ष्य इस पर भी अंकुश लगाना है। सुवधाओं से लैस वैन के माध्यम से अब आधुनिक चिकित्सा सुविधाएं उनके दरवाजे पर ही उपलब्ध होंगी।’
समझौता ज्ञापन के अनुसार, स्वास्थ्य पेशेवरों से सुसज्जित कुल 40 चिकित्सा वैन तिनसुकिया और डिब्रूगढ़ में चाय बागान श्रमिकों और उनके परिवारों को नियमित जांच, उपचार और निवारक देखभाल प्रदान करेंगी।
भाषा स्वाती स्वाती रंजन
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