नगांव, 22 जून (भाषा) असम के नगांव जिले में लाओखोवा वन्यजीव अभयारण्य में अवैध रूप से घुसने वाले दो भाइयों की शनिवार को एक वन रक्षक की गोलीबारी में मौत हो गई। पुलिस सूत्रों ने यह जानकारी दी।
मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने घटना का संज्ञान लेते हुए मुख्य सचिव को मामले की जांच के आदेश देने का निर्देश दिया है।
शर्मा ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, “कल रात, सुत्रीपार गांव के कुछ लोग लाओखोवा-बुराचापारी रिजर्व फॉरेस्ट में घुस आए। गश्त कर रहे एक रक्षक ने आत्मरक्षा में गोली चलाई, जिसके परिणामस्वरूप समरुद्दीन (35) और अब्दुल जलील (40) की मौत हो गई।”
मुख्यमंत्री ने कहा, “मैंने असम के मुख्य सचिव को घटना की गहन जांच के लिए तुरंत समिति गठित करने का निर्देश दिया है।”
स्थानीय पुलिस सूत्रों ने नाम उजागर न करने की शर्त पर कहा, “दोनों भाई अवैध रूप से मछली पकड़ने के लिए आधी रात के आसपास इलाके में घुसे थे। जब वन रक्षकों ने उन्हें देखा तो उन्होंने भागने का प्रयास किया, जिसके कारण वन रक्षकों ने गोली चला दी, जिसके परिणामस्वरूप दोनों की मौत हो गई।”
पोस्टमॉर्टम के बाद शव शनिवार को परिजनों को सौंप दिए गए।
रूपोहिहाट से विधायक नूरुल हुदा ने मृतक के घर जाकर मामले की जांच कराने और पीड़ित परिवारों को मुआवजा देने की मांग की।
कांग्रेस विधायक ने कहा, “अगर वे भागने की कोशिश करते तो उनके पैर में गोली मार दी जानी चाहिए थी। वन विभाग को जवाब देना चाहिए कि उन्होंने इन दो गरीब मछुआरों को क्यों मारा। परिवारों को मुआवजा दिया जाना चाहिए।”
ग्रामीणों ने कहा कि दोनों भाई मछुआरे थे और पहले भी रूमारी बील में मछली पकड़ने गए थे।
भाषा जोहेब नेत्रपाल
नेत्रपाल
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