राजस्थान में महिलाओं के खिलाफ अपराध को लेकर भाजपा ने कांग्रेस पर साधा निशाना | BJP targets Congress over crimes against women in Rajasthan

राजस्थान में महिलाओं के खिलाफ अपराध को लेकर भाजपा ने कांग्रेस पर साधा निशाना

राजस्थान में महिलाओं के खिलाफ अपराध को लेकर भाजपा ने कांग्रेस पर साधा निशाना

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:51 PM IST, Published Date : March 16, 2021/11:04 am IST

नयी दिल्ली, 16 मार्च (भाषा) भाजपा ने कांग्रेस नेतृत्व पर निशाना साधने के लिए राजस्थान में बलात्कार की कई हालिया घटनाओं का जिक्र किया और आरोप लगाया कि राज्य सरकार लोगों की सेवा करने के बजाय खुद को बचाने में व्यस्त है।

भाजपा प्रवक्ता एवं राजस्थान से सांसद राज्यवर्द्धन सिंह राठौड़ ने पिछले साल कांग्रेस विधायकों की बगावत के दौरान पुलिस द्वारा की गई फोन टैपिंग को लेकर राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के इस्तीफे की भगवा पार्टी की मांग भी दोहराई।

उन्होंने इस विषय की सीबीआई से जांच कराने की मांग की है।

भाजपा सांसद ने संवाददाता सम्मेलन में इस बात का जिक्र किया कि महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले में राजस्थान देश में शीर्ष स्थान पर है और राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों के मुताबिक देशभर में 2019 में दर्ज किये गये 32,000 मामलों में 6,000 मामले राज्य से थे।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाद्रा को ये अपराध नजर नहीं आते हैं और उन्होंने इस पर एक शब्द भी नहीं बोला है।

उन्होंने सोनिया गांधी नीत पार्टी पर प्रहार करते हुए कहा, ‘‘जिस पार्टी की दो शीर्ष नेता महिला हैं, उसमें यह तभी संभव है जब राजनीतिक नेतृत्व ने लोगों के लिए काम करने का अपना मुख्य उद्देश्य भुला दिया हो। ’’

राठौड़ ने राजस्थान में बलात्कार की घटनाओं के बारे में मीडिया में आई खबरों को प्रदर्शित करते हुए कहा कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी को तथ्यों पर गौर करना चाहिए।

फोन टैपिंग प्रकरण को लेकर गहलोत सरकार पर प्रहार करते हुए भाजपा सांसद ने कहा कि कांग्रेस सरकारी एजेंसियों का दुरूपयोग करने का (नरेंद्र) मोदी सरकार पर आरोप लगाती रही है, लेकिन राजस्थान में आम आदमी की फोन टैपिंग के लिए कानून का दुरूपयोग किया गया।

उन्होंने आरोप लगाया कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा उद्देश्यों के लिए या कोई आर्थिक अपराध रोकने के लिए नहीं किया गया, बल्कि राजनीतिक कारणों से किया गया था।

सचिन पायलट और कांग्रेस के अन्य 18 विधायकों की बगावत के बाद गहलोत सरकार ने विधानसभा में शक्ति परीक्षण के लिए पिछले साल 14 अगस्त को सदन का सत्र बुलाया था। उस वक्त भाजपा विधायक कालीचरण ने सवाल किया था, ‘‘क्या यह सही है कि पिछले कुछ दिनों में फोन टैपिंग के मामले हुए हैं ? यदि हां, तो किस कानून के तहत और किसके आदेश पर ऐसा किया गया?’’

भाजपा ने इस मुद्दे को लेकर गहलोत के इस्तीफे की मांग की थी।

वहीं, कांग्रेस ने कहा था कि इसने (राज्य सरकार ने) किसी विधायक या सांसद की फोन टैपिंग नहीं की है।

भाषा

सुभाष पवनेश

पवनेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)