‘हरित धरोहर’ है सेंट्रल रिज, इसे नुकसान पहुंचाने की अनुमति नहीं दी जा सकती : दिल्ली उच्च न्यायालय |

‘हरित धरोहर’ है सेंट्रल रिज, इसे नुकसान पहुंचाने की अनुमति नहीं दी जा सकती : दिल्ली उच्च न्यायालय

‘हरित धरोहर’ है सेंट्रल रिज, इसे नुकसान पहुंचाने की अनुमति नहीं दी जा सकती : दिल्ली उच्च न्यायालय

:   Modified Date:  May 13, 2024 / 07:03 PM IST, Published Date : May 13, 2024/7:03 pm IST

नयी दिल्ली, 13 मई (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने ‘सेंट्रल रिज’ को राष्ट्रीय राजधानी की ‘‘हरित धरोहर’’ बताते हुए कहा है कि इसे नुकसान पहुंचाने की अनुमति नहीं जा सकती क्योंकि शहर पहले ही बढ़ते प्रदूषण से जूझ रहा है जो खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है।

अदालत ने सेंट्रल रिज का इस्तेमाल कूड़ा डालने वाले स्थान के रूप में किये जाने, वहां पेड़ों की कटाई और झाड़ियों को साफ किये जाने को गंभीरता से लिया तथा इन चूक को लेकर वन विभाग से स्पष्टीकरण मांगा।

रिज इलाके की स्थिति पर चिंता जताने वाले एक मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने वन विभाग और स्थानीय प्राधिकारों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि सेंट्रल रिज में कूड़ा या कोई अन्य अपशिष्ट सामग्री नहीं डाली जाए।

अदालत ने यह आदेश भी दिया कि उसकी अनुमति के बिना इलाके में अब पेड़ों की और कटाई नहीं की जाए या झाड़ियों को साफ नहीं किया जाए।

अदालत ने छह मई को पारित आदेश में कहा कि कुछ तस्वीरों से यह प्रदर्शित होता है कि सेंट्रल रिज में बड़े पैमाने में कूड़ा डाला गया है और वहां मिट्टी काली हो गई है। अदालत ने कहा कि इससे यह संकेत मिलता है कि इलाके में आग लगाई गई जिसमें पेड़ एवं झाड़ियां नष्ट हो गईं।

सेंट्रल रिज, दिल्ली में अरावली पर्वत श्रृंखला का विस्तार है और यह चट्टानी एवं वन क्षेत्र है। इसे प्रशासनिक कारणों से चार क्षेत्रों में बांटा गया है–दक्षिण, दक्षिण मध्य, मध्य (सेंट्रल) और उत्तर। इनका कुल क्षेत्रफल करीब 7,784 हेक्टेयर है।

अदालत ने कहा, ‘‘शहर प्रदूषण में वृद्धि का पहले से सामना कर रहा है, जो खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है, ऐसे में पेड़ काटकर और झाड़ियां साफ कर इस तरीके से सेंट्रल रिज को नुकसान पहुंचाने की अनुमति नहीं दी जा सकती।’’

अदालत ने अधिकारियों से दो हफ्तों के अंदर कार्रवाई रिपोर्ट मांगी है।

भाषा सुभाष अविनाश

अविनाश

 

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