पश्चिमी दिल्ली लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के केंद्र में हैं नागरिक एवं बुनियादी ढांचे के मुद्दे |

पश्चिमी दिल्ली लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के केंद्र में हैं नागरिक एवं बुनियादी ढांचे के मुद्दे

पश्चिमी दिल्ली लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के केंद्र में हैं नागरिक एवं बुनियादी ढांचे के मुद्दे

:   Modified Date:  May 16, 2024 / 08:10 PM IST, Published Date : May 16, 2024/8:10 pm IST

(नेहा मिश्रा)

नयी दिल्ली, 16 मई (भाषा) पश्चिमी दिल्ली लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र दिल्ली के विविध राजनीतिक परिदृश्य का एक महत्वपूर्ण केंद्र बना हुआ है जहां नागरिक, बुनियादी ढांचा संबंधी मुद्दे छाये हुए हैं।

राष्ट्रीय राजधानी की सभी सात लोकसभा सीट के लिए 25 मई को मतदान होगा।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 2014 और 2019 के चुनाव में भारी अंतर से राष्ट्रीय राजधानी के सबसे बड़े संसदीय क्षेत्र पश्चिमी दिल्ली से जीत हासिल की थी। इस बार पार्टी ने अपने दो बार के सांसद प्रवेश वर्मा को हटाकर कमलजीत सहरावत को चुनाव मैदान में उतारा है, जिनका सीधा मुकाबला आम आदमी पार्टी (आप) के महाबल मिश्रा से है।

राजौरी गार्डन, विकासपुरी और सागरपुर जैसे शहर के विभिन्न इलाकों में घूमने से पता चलता है कि जल संकट, यातायात जाम की समस्या, पार्किंग की कमी, स्वच्छता, सड़क सुरक्षा, बेरोजगारी और महिला सुरक्षा जैसी समस्याओं का स्थानीय लोग सामना कर रहे हैं।

सागरपुर में चूड़ी बेचने वाली एक महिला बीना ने कहा, ‘‘इस क्षेत्र में शौचालयों की कमी है और जो शौचालय हैं वे इतने गंदे हैं कि लोग उनका इस्तेमाल करने से बचते हैं। लोगों को खुले में मूत्र करने के लिए मजबूर होना पड़ता है जिससे स्थानीय लोगों खासकर महिलाओं के लिए इस क्षेत्र से गुजरना मुश्किल हो जाता है।’’

एक अन्य निवासी इकबाल ने कहा कि मंगलापुरी और पालम के इलाकों में खुली, उफनती नालियां, कूड़े के ढेर आम बात हैं।

पश्चिमी दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र में ग्रामीण इलाके, झुग्गी बस्तियां, अनधिकृत कॉलोनियों के साथ ही पॉश इलाके भी हैं। इस क्षेत्र में कुल 25.87 लाख मतदाता हैं, जिनमें 13.70 लाख पुरुष और 12.17 लाख महिला मतदाता शामिल हैं।

इस निर्वाचन क्षेत्र के विकासपुरी निवासी चंदू लाल ने कहा कि यहां बुनियादी ढांचे की कमी है और यातायात जाम की समस्या है। उन्होंने कहा, ‘‘इस क्षेत्र में सड़क सुरक्षा और पार्किंग की समस्याएं हैं। यहां पार्किंग एक बड़ी समस्या है। लोग अपने वाहन कहीं भी खड़े कर देते हैं जिससे सड़कों पर भीड़ हो जाती है और जाम लग जाता है।’’

ऑटो चालक शिव प्रकाश ने कहा कि वह इस बार नोटा (उपरोक्त में से कोई नहीं) को प्राथमिकता देंगे। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने पहले सभी पार्टियों को वोट दिया लेकिन उनके उम्मीदवार चुनाव जीतने के बाद लोगों से दूरी बना लेते हैं और उन्हें भूल जाते हैं और उनकी समस्याओं पर बहुत कम ध्यान देते हैं।’’

पश्चिमी दिल्ली के दस विधानसभा क्षेत्रों में से प्रत्येक में झुग्गियों और अनधिकृत कॉलोनियों में रहने वाले लोगों की बड़ी संख्या है। नजफगढ़ और मटियाला क्षेत्रों में जाट मतदाताओं का प्रभुत्व है जबकि सिख और पंजाबी मतदाता तिलक नगर राजौरी गार्डन, हरि नगर और जनकपुरी क्षेत्रों में हैं।

दिल्ली में बसे पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार के मूल निवासी पूर्वांचली मतदाताओं का एक बड़ा हिस्सा इस क्षेत्र में हैं।

पश्चिमी दिल्ली में 20 प्रतिशत से अधिक ओबीसी मतदाता, लगभग 13 प्रतिशत अनुसूचित जाति और पंजाबी मतदाता, 10 प्रतिशत ब्राह्मण, लगभग सात प्रतिशत मुस्लिम और आठ प्रतिशत सिख मतदाता हैं।

सहरावत पार्टी की दिल्ली इकाई की महासचिव हैं और जाट समुदाय से हैं।

सहरावत ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि मेट्रो सेवा का विस्तार, यातायात जाम की समस्या से निपटने के लिए सड़क बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देना, कौशल विकास केंद्र, सामुदायिक हॉल और पार्क विकसित करना उनकी प्राथमिकताएं हैं।

‘आप’ उम्मीदवार मिश्रा पश्चिमी दिल्ली से सांसद रह चुके हैं। मिश्रा पिछला लोकसभा चुनाव भाजपा के वर्मा से हार गए थे।

मिश्रा ने कहा कि अगर वह सीट जीतते हैं तो वह बेहतर मेट्रो संपर्क, पश्चिमी दिल्ली में डीयू के एक परिसर सहित स्कूल और कॉलेज खोलने के लिए काम करेंगे।

भाषा देवेंद्र रंजन

रंजन

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)