Complete security of Indian Parliament House handed over to CISF सीआईएसएफ के हवाले संसद की सुरक्षा का जिम्मा
नई दिल्ली: संसद के सुरक्षा की कमान आज से आधिकारिक तौर पर सीआईएसएस यानी केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के जवानों को सौंप दी गई हैं। इससे पहले संसद की हिफाजत की जिम्मेदारी सीआरपीएफ के कंधो पर थी, लेकिन पिछले दाल दो लोगो के संसद में घुसकर विरोध प्रदर्शन किये जाने के बाद से सुरक्षा एजेंसिया सतर्क हो गई। (Complete security of Indian Parliament House handed over to CISF) खुद स्पीकर ओम बिरला ने संसद की सुरक्षा के लिए व्यापक कदम उठाये जाने की बात कही थी। इसके बाद गृह मंत्रालय के तरफ से संसद के सुरक्षा की समीक्षा की गई। जानकारी के मुताबिक़ करीब 3300 सशस्त्र सीआईएसएफ के जवान संसद के अलग-अलग हिस्सों में तैनात किये जायेंगे।
बता दें कि इससे पहले संसद परिसर की सुरक्षा आंतरिक, संसदीय सुरक्षा सेवा (पीएसएस), दिल्ली पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) द्वारा संभाली जाती थी।
गौरतलब हैं कि नई तैनाती के बाद संसद में तैनात रहे CRPF के पार्लियामेंट ड्यूटी ग्रुप (PDG) ने 17 मई को अपने 1400 जवानों को वापस बुला लिया था। साथ ही अपने सारे वाहन, हथियार और कमांडो भी हटा लिए थे। CRPF के कमांडर DIG रैंक के अधिकारी ने संसद सुरक्षा से जुड़ी सारी जानकारी CISF को सौंप दी है। सीनियर CISF ऑफिसर ने कहा कि CRPF पीडीजी, दिल्ली पुलिस के करीब 150 कर्मी और संसद सुरक्षा कर्मचारी (PSS) जो संयुक्त रूप से अब तक संसद की सुरक्षा करते थे। उन्हें भी वापस लिया गया है।
न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, CISF के 3317 जवान संसद की आतंकियों और किसी भी तरह के हमलावरों वालों से रक्षा करेंगे। पिछले 10 दिन से CISF के जवान ट्रेनिंग ले रहे थे। इन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड्स (NSG) के ब्लैक कमांडों के साथ भी ट्रेनिंग दिलवाई गई है। CISF जवानों को एंट्री गेट पर लोगों की चैकिंग, सामान की चैकिंग, बम का पता लगाना और डिफ्यूज करना, आतंकी हमले पर क्विक एक्शन, स्नाइपर टास्क और पब्लिक इंट्रेक्शन (लोगों के साथ पेश आना) की ट्रेनिंग दी गई है।
13 दिसंबर 2023 को नए संसद भवन की सुरक्षा में चूक के बाद पार्लियामेंट कैंपस की सिक्योरिटी के लिए CRPF के डीजी की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की गई थी। इसके बाद CISF की तैनाती का फैसला लिया गया।