डीसीडब्ल्यू ने पुलिस से बुलंदशहर मामले में दुष्कर्म की धाराएं जोड़ने को कहा |

डीसीडब्ल्यू ने पुलिस से बुलंदशहर मामले में दुष्कर्म की धाराएं जोड़ने को कहा

डीसीडब्ल्यू ने पुलिस से बुलंदशहर मामले में दुष्कर्म की धाराएं जोड़ने को कहा

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:32 PM IST, Published Date : October 26, 2021/6:58 pm IST

नयी दिल्ली, 26 अक्टूबर (भाषा) दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर पुलिस को यह निर्देश देने की मांग की कि वह नाबालिग लड़की से जुड़े एक मामले में दुष्कर्म की धाराएं जोड़े। बुलंदशहर में लड़की का उसके पड़ोसी ने कथित तौर पर यौन शोषण किया था।

नाबालिग लड़की के अभी दिल्ली के एक अस्पताल में भर्ती होने का उल्लेख करते हुए मालीवाल ने आदित्यनाथ से अनुरोध किया कि वह पीड़ित के परिवार को मुआवजा उपलब्ध कराएं और यह सुनिश्चित करें कि इस मामले की सुनवाई ‘फास्ट ट्रैक’ अदालत में हो।

लड़की का फिलहाल दिल्ली के एक अस्पताल में इलाज चल रहा है।

मालीवाल ने कहा कि बुलंदशहर में एक व्यक्ति ने लड़की के साथ दुष्कर्म किया, उसे चोट पहुंचाई गई और उसका गला घोंटने की कोशिश की गई।

मालीवाल ने पत्र में लिखा, “मैं अस्पताल में उससे मिलने गयी थी और उसकी हालत बहुत गंभीर है।”

घटना 15 अक्टूबर की है, जब पीड़िता के माता-पिता खेत में काम करने गए थे और बच्ची अपनी दो बहनों के साथ घर के बाहर खेल रही थी। दोपहर करीब 12 बजे उसका 45 वर्षीय पड़ोसी लड़की को घर के अंदर ले गया तथा उसके साथ दुष्कर्म किया।

पत्र में कहा गया, “इसके बाद, उसने उस पर चाकू से हमला किया और उसका गला घोंटने की कोशिश की और मौके से फरार हो गया। उसकी पांच साल की बहन पूरी वारदात की गवाह है।”

लड़की के माता-पिता उसे बुलंदशहर के एक नजदीकी अस्पताल ले गए, लेकिन उसे मेरठ के एक अस्पताल में रेफर कर दिया गया। उसकी गंभीर स्थिति के कारण, उसे अंततः दिल्ली रेफर कर दिया गया।

उन्होंने कहा कि वर्तमान में, लड़की दिल्ली के एक प्रमुख अस्पताल में भर्ती है और अब भी उसे होश नहीं आया है।

मालीवाल ने कहा, “डॉक्टरों ने मुझे सूचित किया है कि उसके शरीर पर कई गंभीर चोटें हैं। मस्तिष्क की चोट के कारण उसे एक गंभीर न्यूरोलॉजिकल (तंत्रिकातंत्र संबंधी) समस्या भी हो गई है।”

अपने पत्र में, मालीवाल ने दावा किया, “मामले का सबसे चौंकाने वाला पहलू” यह है कि अपराध की क्रूरता के बावजूद, उत्तर प्रदेश पुलिस ने इस मामले में प्राथमिकी तो दर्ज की लेकिन बलात्कार की धाराओं को इसमें नहीं जोड़ा।

पत्र में कहा गया, “यह बहुत दुखद है। आयोग जहां पीड़िता और उसके परिवार की सहायता करने की कोशिश कर रहा है और उनकी तत्काल चिकित्सा और कानूनी जरूरतों को देख रहा है, आपसे अनुरोध है कि आप उप्र पुलिस को दुष्कर्म की संबंधित धाराओं को प्राथमिकी में जोड़ने के लिए तत्काल आदेश जारी करें, लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करें और लड़की और उसके परिवार को सुरक्षा प्रदान करें।”

उन्होंने कहा कि पीड़िता के माता-पिता दिहाड़ी मजदूर हैं और आर्थिक दृष्टि से कमजोर पृष्ठभूमि से आते हैं। मालीवाल ने कहा, “… आपसे अनुरोध है कि पीड़ित पक्ष को तत्काल पर्याप्त मुआवजा प्रदान करें।”

भाषा

प्रशांत नरेश

नरेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)