दिल्ली महिला आयोग ने सेवानिवृत्त शिक्षक को दिलवाया बकाया सामान्य भविष्य निधि का पैसा |

दिल्ली महिला आयोग ने सेवानिवृत्त शिक्षक को दिलवाया बकाया सामान्य भविष्य निधि का पैसा

दिल्ली महिला आयोग ने सेवानिवृत्त शिक्षक को दिलवाया बकाया सामान्य भविष्य निधि का पैसा

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:19 PM IST, Published Date : May 2, 2022/5:57 pm IST

नयी दिल्ली, दो मई (भाषा) दिल्ली महिला आयोग ने सरकारी स्कूल की एक सेवानिवृत्त अध्यापिका का सामान्य भविष्य निधि का 20.59 लाख रुपये बकाया जारी करने में मदद की है, जो पिछले 10 वर्षों से लंबित था। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी।

अधिकारियों के मुताबिक शिकायतकर्ता अध्यापिका ने स्कूल अधिकारियों द्वारा पिछले 10 वर्षों से अपने सामान्य भविष्य निधि (जीपीएफ) बकाया और सेवानिवृत्ति लाभों का भुगतान न करने के संबंध में दिल्ली महिला आयोग से संपर्क किया था।

अधिकारियों के मुताबिक अध्यापिका ने बताया कि उसने राजधानी के विभिन्न सरकारी स्कूलों में 30 से अधिक वर्षों तक काम किया और अंततः 2012 में दल्लूपुरा के एक सरकारी स्कूल से सेवानिवृत्त हुईं।

हालांकि, 10 साल से अधिक समय बीत जाने के बावजूद, शिकायतकर्ता को उसका जीपीएफ बकाया नहीं मिला और वह इसे पाने के लिए संघर्ष कर रही थी।

शिकायत पर कार्रवाई करते हुए दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) की सदस्य प्रोमिला गुप्ता ने सरकारी स्कूल की सेवानिवृत्त अध्यापिका से मुलाकात की और इसके बाद दिल्ली सरकार के शिक्षा विभाग को मामले के त्वरित समाधान के लिए नोटिस जारी किया।

दिल्ली महिला आयोग की एक अधिकारी ने कहा, ‘‘बाद में, अधिकारियों द्वारा कार्रवाई की गई और शिक्षा विभाग द्वारा आयोग को सूचित किया गया कि सेवानिवृत्त अध्यापिका को 20,59,881 रुपये की राशि जारी की गई है और उन्हें सेवानिवृत्ति लाभ प्रदान करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।’’

डीसीडब्ल्यू अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने भी शिकायतकर्ता के सेवानिवृत्ति लाभों के शीघ्र वितरण के लिए शिक्षा विभाग को समन जारी किया है।

मालीवाल ने कहा, ‘‘यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक सेवानिवृत्त शिक्षिका को 30 वर्षों से अधिक समय तक कड़ी मेहनत करने के बावजूद, अपने जीपीएफ बकाया के लिए 10 वर्षों तक इंतजार करना पड़ा जो उसका अधिकार है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘आयोग यह सुनिश्चित करेगा कि अध्यापिका के अन्य सेवानिवृत्ति लाभ भी उसे प्रदान किए जाएं और देरी के लिए जिम्मेदारी तय करें। उत्पीड़न के प्रति हमारी जीरो टॉलरेंस की नीति है और इस मामले में कड़ी कार्रवाई की जाएगी।’’

भाषा रवि कांत उमा

उमा

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)