दिल्ली पुलिस ने इंस्टाग्राम पर लड़की के नाम से फर्जी आईडी बनाकर फरार अपराधी को पकड़ा |

दिल्ली पुलिस ने इंस्टाग्राम पर लड़की के नाम से फर्जी आईडी बनाकर फरार अपराधी को पकड़ा

दिल्ली पुलिस ने इंस्टाग्राम पर लड़की के नाम से फर्जी आईडी बनाकर फरार अपराधी को पकड़ा

:   Modified Date:  June 13, 2024 / 09:30 PM IST, Published Date : June 13, 2024/9:30 pm IST

नयी दिल्ली, 13 जून (भाषा) करीब एक दशक से फरार एक अपराधी दिल्ली पुलिस द्वारा बिछाए गए ‘मोहपाश’ के जाल में फंसने के बाद गिरफ्तार हो गया। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।

अधिकारियों ने बताया कि पुलिस के एक पुरुष कांस्टेबल ने सोशल मीडिया मंच ‘इंस्टाग्राम’ पर एक महिला के नाम से ‘फर्जी आईडी’ बनाई।

पुलिस ने कहा कि यह फर्जी आईडी 45 वर्षीय बंटी को पकड़ने के लिए बनाई गई थी जिसके खिलाफ झपटमारी, अवैध हथियार रखने और अवैध शराब की बिक्री के दिल्ली में करीब 20 मामले दर्ज हैं।

उत्तर दिल्ली के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) मनोज कुमार ने बताया, “आरोपी को तिलक नगर थाने में उसके खिलाफ दर्ज एक मामले में 26 जून 2013 को शहर की अदालत ने भगोड़ा घोषित कर दिया था।”

डीसीपी ने उसे दुर्दांत अपराधी बताते हुए कहा कि टीम के कई प्रयासों के बाद भी वह पकड़ में नहीं आया।

उन्होंने बताया कि टीम को इस साल सूचना मिली थी कि बंटी इंदिरा विकास कॉलोनी में छिपा हुआ है।

डीसीपी ने बताया कि जब टीम ने मौके का दौरा किया तो पता चला कि बंटी इंस्टाग्राम अकाउंट का इस्तेमाल कर रहा था।

डीसीपी ने कहा, “ पुलिस टीम ने कई बार जाल बिछाए और आरोपी का पता लगाने के प्रयास किए, लेकिन अपराधी हाथ नहीं लगा। इसके बाद टीम के सदस्य, हेड-कॉन्स्टेबल ओमप्रकाश डागर एक अभिनव विचार के साथ आए।”

मनोज ने बताया कि डागर ने एक लड़की के नाम से इंस्टाग्राम पर फर्जी आईडी बनाई। उन्होंने कहा कि डागर ने बंटी के से ‘चैटिंग’ शुरू की और वह जल्द ही ‘फर्जी लड़की’ के साथ दोस्ती करने के लिए लालायित हो गया।

इसी दौरान बंटी पंजाबी बाग मेट्रो स्टेशन पर ‘फर्जी लड़की’ से मिलने के लिए तैयार हो गया जो असल में एक कांस्टेबल था।

पुलिस अधिकारी ने बताया, “ सात जून को मुलाकात तय हुई। टीम तैयार थी और तकनीकी निगरानी की मदद से जाल बिछाया गया। जैसे ही आरोपी मौके पर पहुंचा, उसे पंजाबी बाग मेट्रो स्टेशन से सफलतापूर्वक पकड़ लिया गया।”

डीसीपी ने कहा कि बंटी गिरफ्तारी से बचने के लिए लगातार अपना पता और फोन नंबर बदल रहा था।

भाषा नोमान संतोष

संतोष

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)