खूंटी में आदिवासी युवतियों से सामूहिक दुष्कर्म मामले में सजायाफ्ता फादर अल्फांसो को सशर्त जमानत |

खूंटी में आदिवासी युवतियों से सामूहिक दुष्कर्म मामले में सजायाफ्ता फादर अल्फांसो को सशर्त जमानत

खूंटी में आदिवासी युवतियों से सामूहिक दुष्कर्म मामले में सजायाफ्ता फादर अल्फांसो को सशर्त जमानत

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:58 PM IST, Published Date : March 8, 2022/10:47 pm IST

रांची, आठ मार्च (भाषा) झारखंड में खूंटी के कोचांग में वर्ष 2018 में पांच आदिवासी युवतियों के साथ सामूहिक दुष्कर्म में सहभागी होने के लिए आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे फादर अल्फांसो आइंद को झारखंड उच्च न्यायालय ने मंगलवार को सशर्त जमानत दे दी।

न्यायमूर्ति आर मुखोपाध्याय और न्यायमूर्ति राजेश कुमार की खंड पीठ ने अल्फांसो को जमानत देते हुए न्यायालय की अनुमति के बिना खूंटी नहीं छोड़ने का निर्देश दिया। साथ ही उसे शहीदों के सम्मान में 1500 रुपये ‘आर्मी रिलीफ फंड’ में जमा करने के भी निर्देश दिये।

अदालत ने पिछले शुक्रवार को फादर अल्फांसो की जमानत याचिका पर सुनवाई पूरी करने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। अल्फांसो को निचली अदालत ने इस मामले में 15 मई 2019 को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।

अल्फांसो की ओर से अदालत को बताया गया कि वह साढ़े तीन साल से जेल में है जबकि उसे इस मामले में साजिश रचने के आरोप में सजा सुनाई गई है। उसने दावा किया कि जो आरोप उस पर लगाए गए हैं उसी आरोप में दूसरे आरोपियों को अब तक सजा नहीं मिली है।

अल्फांसो की पैरवी करते हुए उसके अधिवक्ता ने कहा कि अल्फांसो अकेले साजिश नहीं कर सकता और उसकी अपील पर सुनवाई में समय लगेगा इसलिए उसे जमानत प्रदान की जाए।

वहीं, सरकार की ओर से अल्फांसो की जमानत का विरोध किया गया और कहा गया कि आदिवासी युवतियों के साथ सामूहिक दुष्कर्म के मामले में फादर अल्फांसो मुख्य साजिशकर्ता है।

सरकारी पक्ष ने कहा कि घटना की जानकारी होने के बाद भी अल्फांसो ने पुलिस को कोई जानकारी नहीं दी थी और आदिवासी युवतियों को अपहृत कर जंगल में ले जाने वाले पत्थलगड़ी समर्थक नक्सलियों और अपराधियों का पूरा सहयोग किया था।

उल्लेखनीय है कि 19 जून 2018 को कोचांग गांव स्थित मिशनरी स्कूल में मानव तस्करी के खिलाफ जागरूकता के लिए नाटक का मंचन किया जा रहा था। नाटक दल में कुल 11 सदस्य थे। इनमें पांच महिलाएं, तीन लड़के, एक चालक व आशा किरण संस्था की दो सिस्टर थीं।

पत्थलगड़ी समर्थक नक्सलियों और अपराधियों ने हथियारों के दम पर पांच आदिवासी महिलाओं का फादर की उपस्थिति और उसके सहयोग से नाटक के बीच से अपहरण कर लिया था और जंगल में ले जाकर उनके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया था।

इस मामले में तत्कालीन सरकार के निर्देश पर फास्ट ट्रैक अदालत में सुनवाई की गयी और 17 मई 2019 को निचली अदालत ने फादर अल्फांसो समेत सात दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।

भाषा, इन्दु शफीक

शफीक

 

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