नई दिल्ली: भारत का ऑटोमोबाइल सेक्टर इन दिनों मंदी के दौर से गुजर रहा है। कई कंपनियों ने अपने उत्पादन पर रोक लगाकर कर्मचारियों को छुट्टी पर भेज दिया है। इसी बीच वित्त मंत्र निर्मला सीतारमण ने ऑटो सेक्टर में आई मंदी को लेकर बड़ा बयान दिया है। ऑटो सेक्टर में मंदी को लेकर वित्त मंत्री सीतारमण ने लोगों के माइंडसेट में बदलाव और बीएस-6 मॉडल के वाहनों को जिम्मेदार ठहराया है।
मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के 100 दिन पूरे होने पर वित्त मंत्री पत्रकारों से बात करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि आज कल लोगों को ईएमआई पर कार खरीदने के बजाए मेट्रो में सफर करना या ओला-ऊबर का उपयोग करना ज्यादा पसंद है। ऑटोमोबाइल सेक्टर में गिरावट एक गंभीर समस्या है और इसका हल जल्द ही निकाला जाना चाहिए। मोदी सरकार सभी सेक्टर को लेकर गंभीर है और ऑटोमोबाइल सेक्टर में मंदी को लेकर सरकार जल्द ही आवश्यक कदम उठाएगी। यह सरकार सबकी सुनती है। अगस्त और सितंबर में दो बड़े ऐलान किए गए, जरूरत के मुताबिक और भी घोषणाएं की जा सकती है।
वहीं, दूसरी ओर मारुति के चेयरमैन आरसी भार्गव ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की बात को सिरे से खारिज कर दिया है। उनका कहना है कि ओला-ऊबर कैब का मंदी से कोई वास्ता नहीं है, बल्कि इसके लिए सरकर की नीतियां जिम्मेदार है। पेट्रोल-डीजल के लगातार बढ़ते दाम और रोड टैक्स की उंची दर के चलते लोग अब कार खरीदने से कतरा रहे हैं। हालांकि उन्होंने कहा कि जीएसटी की कटौती से इसमें कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है। वहीं इंडस्ट्री इस सुस्ती से निपटने के लिए जीएसटी कट की मांग कर रही है।
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इस दौरान उन्होंने कारों की कीमतों में लगातार हो रही बढ़ोतरी को लेकर कहा कि अगर कारों की कीमत बढ़ रह है तो उनमें फिचर्स भी बढ़ा दिए गए हैं। कारों में अब एयरबैग्स और एबीएस जैसे सेफ्टी फीचर्स जोड़ा जाने लगा है। बढ़ती कीमतों की वजह से लोग अब कार खरीदने से कतराने लगे हैं। मंदी के लिए ओला, ऊबर नहीं, बल्कि सख्त सेफ्टी व एमिशन नियम, बीमा की ज्यादा लागत औऱ अतिरिक्त रोड टैक्स है।
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