नयी दिल्ली, 14 मार्च (भाषा) केंद्र ने दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति नवीन चावला की अगुवाई में एक न्यायाधिकरण का गठन किया है, जो यह तय करेगा कि जमात-ए-इस्लामी, जम्मू-कश्मीर को एक प्रतिबंधित संगठन के रूप में घोषित करने के लिए पर्याप्त कारण हैं या नहीं।
केंद्र सरकार ने 27 फरवरी को राष्ट्र की सुरक्षा, अखंडता और संप्रभुता के खिलाफ गतिविधियों के लिए जमात-ए-इस्लामी, जम्मू कश्मीर पर प्रतिबंध को पांच साल के लिए बढ़ा दिया था।
गृह मंत्रालय ने एक अधिसूचना में कहा कि गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम, 1967 के तहत प्रदत्त शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए केंद्र सरकार ने दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति नवीन चावला की अगुवाई में एक न्यायाधिकरण का गठन किया है, जो यह तय करेगा कि जमात-ए-इस्लामी, जम्मू-कश्मीर को एक प्रतिबंधित संगठन के रूप में घोषित करने के लिए पर्याप्त कारण हैं या नहीं।
जमात-ए-इस्लामी, जम्मू-कश्मीर को पहली बार 28 फरवरी, 2019 को ‘गैरकानूनी संगठन’ घोषित किया गया था।
भाषा शफीक पवनेश
पवनेश
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