उच्च न्यायालय ने कलवारायण में जहरीली शराब से हुई मौतों के मद्देनजर तमिलनाडु सरकार से रिपोर्ट मांगी |

उच्च न्यायालय ने कलवारायण में जहरीली शराब से हुई मौतों के मद्देनजर तमिलनाडु सरकार से रिपोर्ट मांगी

उच्च न्यायालय ने कलवारायण में जहरीली शराब से हुई मौतों के मद्देनजर तमिलनाडु सरकार से रिपोर्ट मांगी

:   Modified Date:  July 10, 2024 / 09:13 PM IST, Published Date : July 10, 2024/9:13 pm IST

चेन्नई, 10 जुलाई (भाषा) मद्रास उच्च न्यायालय ने हाल में जहरीली शराब के कारण 66 लोगों की मौत होने के मद्देनजर तमिलनाडु सरकार को कल्लाकुरिची जिले की कलवारायण पहाड़ियों में कल्याणकारी योजनाओं के कार्यान्वयन पर एक रिपोर्ट पेश करने का बुधवार को निर्देश दिया और पूछा कि क्या लोगों को वहां बुनियादी सुविधाएं मिल रही हैं।

पहाड़ी क्षेत्र और इसके आसपास अवैध शराब बनाए जाने की रिपोर्ट मिलने के बाद न्यायमूर्ति एस. एम. सुब्रमण्यम और न्यायमूर्ति सी कुमारप्पन की खंडपीठ ने मामले में स्वत: संज्ञान लेकर शुरू की गई कार्यवाही पर अंतरिम आदेश पारित करते हुए यह निर्देश दिया।

पीठ ने कहा, ‘‘हमने उस क्षेत्र में बुनियादी ढांचागत सुविधाओं की कमी के बारे में कई मीडिया रिपोर्ट और वृत्तचित्र देखे हैं। सरकार को यह स्पष्ट करना है कि (1) क्या सरकार की कल्याणकारी योजनाएं इस इलाके के लोगों को उपलब्ध कराई जाती हैं? (2) क्या उनकी सभी बुनियादी सुविधाओं तक पहुंच है? (3) इन क्षेत्रों के लोग, ज्यादातर अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति से संबंधित हैं, इसलिए सरकार को यह बताना होगा कि इन लोगों को विशेष रूप से आगे बढ़ाने और उनके कल्याण के लिए क्या प्रयास किए गए हैं?’’

अदालत ने पहले उन रिपोर्ट का जिक्र किया था जिनमें कहा गया था कि क्षेत्र में आर्थिक पिछड़ेपन और बेरोजगारी के कारण लोग अवैध शराब बनाने के लिए मजबूर हैं।

पीठ ने कहा कि जब निर्वाचन आयोग देश के सबसे दूरदराज के इलाकों में जाकर यह सुनिश्चित करता है कि हर कोई अपने मताधिकार का प्रयोग करे, तो इसी तरह राज्य को भी यह सुनिश्चित करना होगा कि सुविधाएं और कल्याणकारी योजनाएं इन लोगों तक पहुंचें।

पीठ ने कहा कि यह राज्य का संवैधानिक कर्तव्य और जनादेश है। पीठ ने कहा, ‘‘इसलिए, हम राज्य से एक व्यापक रिपोर्ट प्राप्त होने पर इन मुद्दों पर विचार करना उचित समझते हैं।’’

उच्च न्यायालय ने कहा कि मीडियाकर्मियों सहित सभी इच्छुक व्यक्ति वर्तमान रिट याचिका के संबंध में अपनी रिपोर्ट या जानकारी प्रस्तुत करने के लिए स्वतंत्र हैं, ताकि अदालत क्षेत्र में सामाजिक और आर्थिक विकास को सुनिश्चित करने के लिए इन मुद्दों का शीघ्रता से निपटारा कर सके।

मामले में अगली सुनवाई 24 जुलाई को होगी।

भाषा सिम्मी अविनाश

अविनाश

 

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