महानगरों में 2020 में दुष्कर्म, हत्या के सबसे अधिक मामले दिल्ली से आए : एनसीआरबी |

महानगरों में 2020 में दुष्कर्म, हत्या के सबसे अधिक मामले दिल्ली से आए : एनसीआरबी

महानगरों में 2020 में दुष्कर्म, हत्या के सबसे अधिक मामले दिल्ली से आए : एनसीआरबी

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:50 PM IST, Published Date : September 16, 2021/1:18 pm IST

नयी दिल्ली, 16 सितंबर (भाषा) भारत में 2020 में 19 महानगरों में से , दुष्कर्म के करीब 40 प्रतिशत मामले और हत्या के तकरीबन 25 प्रतिशत मामले अकेले दिल्ली में सामने आए। सरकार के ताजा आंकड़ों में यह जानकारी दी गयी है।

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों के अनुसार, देश में पिछले साल कोविड-19 महामारी फैलने और लॉकडाउन लगे होने के बावजूद हत्या के 1,849 और बलात्कार के 2,533 मामले दर्ज किए गए।

केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत काम करने वाले एनसीआरबी ने 20 लाख से अधिक की आबादी वाले 19 शहरों को महानगर के तौर पर वर्गीकृत किया है जिनमें अहमदाबाद, बेंगलूरू, चेन्नई, कोयम्बटूर, दिल्ली, गाजियाबाद, हैदराबाद, इंदौर, जयपुर, कानपुर, कोच्चि, कोलकाता, कोझीकोड, लखनऊ, मुंबई, नागपुर, पटना, पुणे और सूरत आते हैं।

आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में 2020 में हत्या के 461 मामले, बेंगलूरू में 179 मामले, चेन्नई में 15 मामले, मुंबई में 148 मामले, सूरत में 116 मामले और कोलकाता में 61 मामले आए। पिछले साल हत्या के कुल 1,849 मामले दर्ज किए गए जो 2019 में दर्ज किए मामलों (2,017) से 8.3 प्रतिशत कम हैं।

इसके मुताबिक, महानगरों में दर्ज किए गए ‘‘गैर इरादतन हत्या’’ के 192 मामलों में से 57 मामले अकेले दिल्ली में दर्ज किए गए। इसके बाद लखनऊ में 28 और बेंगलूरू में 10 मामले दर्ज किए गए।

भारत में 2020 में महानगरों में दुष्कर्म के कुल 2,533 मामले दर्ज किए गए, जिनमें से सबसे अधिक 967 मामले (38 प्रतिशत) दिल्ली में दर्ज किए गए। इसके बाद जयपुर में 409 मामले (16 प्रतिशत), मुंबई में 322 (12 प्रतिशत) मामले दर्ज किए गए। बेंगलूरू में दुष्कर्म के 108, चेन्नई में 31 और कोलकाता में 11 मामले दर्ज किए गए।

एनसीआरबी के अनुसार, इन 2,533 मामलों में से दुष्कर्म की 2,448 पीड़िता 18 वर्ष से अधिक आयु की थीं। पिछले साल महिलाओं के खिलाफ अपराध के कुल 35,331 मामले दर्ज किए गए जो 2019 के मुकाबले 21.1 प्रतिशत कम हैं।

महिलाओं के खिलाफ अपराध के ज्यादातर मामले ‘पति या उसके रिश्तेदारों द्वारा अत्याचार’ के तहत दर्ज किए गए। ये मामले 30.2 प्रतिशत थे। इसके बाद ‘महिला का शील भंग करने के इरादे से उस पर हमला’ करने के 19.7 प्रतिशत, ‘महिलाओं के अपहरण’ के 19 प्रतिशत मामले और दुष्कर्म के 7.2 प्रतिशत मामले दर्ज किए गए।

भाषा गोला मनीषा

मनीषा

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)