नयी दिल्ली, 10 दिसंबर (भाषा) राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दुनिया में दुराग्रह और भेदभाव समाप्त करने का आह्वान करते हुए शुक्रवार को कहा कि भारत कोविड-19 रोधी टीके की नि:शुल्क एवं सार्वभौम उपलब्धता की नीति अपनाकर लाखों जिंदगियां बचाने में सफल रहा है।
मानवाधिकार दिवस के अवसर पर विज्ञान भवन में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि दुनिया कोविड-19 महामारी के विकट संकट का सामना कर रही है ।
उन्होंने कहा, ‘‘ महामारी का खतरा अभी समाप्त नहीं हुआ है और ऐसा प्रतीत होता है कि वायरस मानवता से एक कदम आगे है । दुनिया ने विज्ञान और वैश्विक गठबंधन पर भरोसा व्यक्त करते हुए अब तक प्रतिक्रिया दी है। ’’
कोविंद ने कहा कि महामारी ने हालांकि पूरे दुनिया को प्रभावित किया है लेकिन इसका समाज के कमजोर वर्ग के लोगों पर ज्यादा प्रभाव पड़ा है।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत कोविड-19 रोधी टीके की नि:शुल्क एवं सार्वभौम उपलब्धता की नीति अपनाकर लाखों जीवन को बचाने में सफल रहा है।
उन्होंने लोगों के जीवन एवं स्वास्थ्य के अधिकार के बरकरार रखने की दिशा में प्रभावी प्रयासों के लिये डाक्टरों, वैज्ञानिकों सहित कोरोना योद्धाओं के योगदान की सराहना की ।
कोविंद ने कहा कि इस वर्ष मानवाधिकार दिवस का विषय समानता रखा गया है और समानता मानवाधिकारों की आत्मा है ।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग नागरिक संगठनों एवं निजी स्तर पर मानवाधिकार संरक्षण की दिशा में काम कर रहे लोगों सहित सभी पक्षकारों के साथ मिलकर काम कर रहा है।
भाषा दीपक
दीपक माधव
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