पलक्कड़ (केरल), 25 मई (भाषा) केरल में विपक्षी संयुक्त लोकतांत्रिक गठबंधन (यूडीएफ) ने शनिवार को राज्य की वाम सरकार पर उसकी शराब नीति को लेकर हमला तेज कर दिया और इस संबंध में कथित भ्रष्टाचार को लेकर आबकारी और पर्यटन मंत्रियों के इस्तीफे की मांग की।
कांग्रेस नीत मोर्चे ने कहा कि अपराध शाखा की जांच से शराब नीति के संबंध में करोड़ों रुपये के कथित भ्रष्टाचार के पीछे की असली सच्चाई सामने नहीं आएगी, इसलिए न्यायिक जांच होनी चाहिए।
यह मांग ऐसे समय में आयी है, जब एक दिन पहले ही ऐसी खबरें आई थीं कि राज्य सरकार शराब की बिक्री के संबंध में ‘ड्राई डे’ (प्रत्येक कैलेंडर माह के पहले दिन राज्य में शराब नहीं बेचना) के नियम को खत्म करने पर विचार कर रही है, जिससे राज्य में सियासी बवंडर खड़ा हो गया।
यूडीएफ ने एलडीएफ (वाम लोकतांत्रिक मोर्चा) सरकार पर बार मालिकों को ‘फायदा’ पहुंचाने के लिए रिश्वत लेने का आरोप लगाया है, वहीं वाम दल ने दावा किया है कि उसने अपनी शराब नीति पर अभी तक कोई विचार-विमर्श नहीं किया है।
यूडीएफ संयोजक एम एम हसन ने यहां मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए कहा कि आबकारी मंत्री एम बी राजेश की शिकायत के आधार पर अपराध शाखा की कथित जांच से ‘वास्तविक सच्चाई’ सामने नहीं आएगी।
उन्होंने आरोप लगाया कि राजेश ने पर्यटन मंत्री पी ए मोहम्मद रियास को बचाने के इरादे से सीधे पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिन्होंने शराब नीति में बदलाव के लिए प्रभावित किया और दबाव डाला।
मोहम्मद रियास मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के दामाद हैं।
हसन ने आरोप लगाया, ‘कोई नहीं सोचता कि पर्यटन और आबकारी मंत्री मुख्यमंत्री विजयन की जानकारी और सहमति के बिना बार मालिकों को (ड्राई डे खत्म करने के संबंध में) ऐसा आश्वासन देंगे।’
उन्होंने आरोप लगाया कि रियास ने ही ‘ड्राई डे’ मानदंड को खत्म करने की मांग की थी और मुख्यमंत्री को भी इसकी जानकारी थी।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व गृह मंत्री रमेश चेन्निथला ने सरकार के खिलाफ इसी तरह के आरोप लगाते हुए मांग की कि आबकारी मंत्री राजेश को उनके पद से हटाया जाना चाहिए और आरोपों की न्यायिक जांच किसी मौजूदा न्यायाधीश से कराई जानी चाहिए।
उन्होंने आरोप लगाया कि शराब नीति में बदलाव के कदम के पीछे ‘स्पष्ट भ्रष्टाचार’ अब उजागर हो गया है। चेन्निथला ने आरोप लगाया कि माकपा के नेतृत्व वाली सरकार का प्रयास पूर्ववर्ती यूडीएफ सरकार द्वारा बंद किए गए सभी बार को खोलना और दक्षिणी राज्य में शराब की उपलब्धता बढ़ाने के लिए जितना संभव हो उतने नये बार आवंटित करना है।
इससे पहले दिन में, कई युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने एलडीएफ सरकार की शराब नीति में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए पलक्कड़ में मंत्री राजेश के कार्यालय तक विरोध मार्च निकाला।
‘ड्राई डे’ नीति को वापस लेने का मुद्दा उस समय विवादों में घिर गया, जब एक ऑडियो क्लिप में कथित तौर पर बार एसोसिएशन के एक सदस्य द्वारा अन्य सदस्यों से ‘अनुकूल शराब नीति’ के लिए पैसे मांगने की बात सामने आयी।
कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्षी मोर्चे यूडीएफ ने आरोप लगाया कि वाम सरकार ने बार मालिकों से उनके अनुकूल नीति बनाने के लिए 20 करोड़ रुपये मांगे और मंत्री राजेश के इस्तीफे की मांग की।
विपक्ष के आरोपों और मांग को दरकिनार करते हुए राजेश ने कहा कि राज्य सरकार ने अभी तक अपनी शराब नीति के बारे में कोई विचार-विमर्श नहीं किया है।
भाषा
अमित दिलीप
दिलीप
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