नयी दिल्ली, 21 जून (भाषा) भारतीय अधिकारियों को निखिल गुप्ता से राजनयिक पहुंच का अनुरोध नहीं मिला है।
खालिस्तानी चरमपंथी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की नाकाम साजिश में शामिल होने के आरोपों के बाद भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता को चेक गणराज्य से अमेरिका प्रत्यर्पित किया गया है।
गुप्ता को पिछले साल जून में चेक गणराज्य में गिरफ्तार किया गया था जिसके बाद उन्हें 14 जून को प्रत्यर्पित करके अमेरिका के हवाले कर दिया गया था।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा, ‘‘उन्हें 14 जून को अमेरिका प्रत्यर्पित किया गया था। हमें अब तक गुप्ता से राजनयिक पहुंच के लिए कोई अनुरोध नहीं मिला है, लेकिन उनके परिवार ने हमसे संपर्क किया है।’’
उन्होंने साप्ताहिक प्रेस वार्ता के दौरान एक सवाल का जवाब देते हुए कहा, ‘‘हम परिवार के सदस्यों के संपर्क में हैं और इस मामले पर विचार कर रहे हैं कि उनके अनुरोध पर क्या किया जा सकता है।’’
न्यूयॉर्क की एक संघीय अदालत में 53 वर्षीय गुप्ता को जब 17 जून को पेश किया गया तो उन्होंने खुद को निर्दोष बताया।
गुप्ता जब चेक अधिकारियों की हिरासत में थे तब कुछ अवसरों पर भारतीय अधिकारियों को उन तक राजनयिक पहुंच मुहैया कराई गई थी।
पिछले साल नवंबर में अमेरिकी संघीय अभियोजकों ने गुप्ता पर न्यूयॉर्क में पन्नू की हत्या की नाकाम साजिश में एक भारतीय सरकारी कर्मचारी के साथ मिलकर काम करने का आरोप लगाया था।
आतंकवाद के आरोप में भारत में वांछित पन्नू के पास अमेरिका और कनाडा की दोहरी नागरिकता है।
इस मामले से अवगत लोगों ने कहा कि गुप्ता तक राजनयिक पहुंच का मुद्दा 1963 के राजनयिक संबंधों पर वियना संधि के प्रावधानों के अनुरूप तय किया जाएगा।
इस संधि के अनुच्छेद 36 में कहा गया है कि हिरासत में लिए गए व्यक्ति को अपने देश के अधिकारियों से राजनयिक पहुंच के लिए अनुरोध करना होगा।
भाषा संतोष पवनेश
पवनेश
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