रूसी सेना में भारतीयों का काम करना अत्यधिक चिंता का विषय: भारत |

रूसी सेना में भारतीयों का काम करना अत्यधिक चिंता का विषय: भारत

रूसी सेना में भारतीयों का काम करना अत्यधिक चिंता का विषय: भारत

:   Modified Date:  June 21, 2024 / 10:41 PM IST, Published Date : June 21, 2024/10:41 pm IST

नयी दिल्ली, 21 जून (भाषा) भारत ने शुक्रवार को कहा कि रूसी सेना में काम करने वाले भारतीय नागरिकों का मुद्दा ‘अत्यधिक चिंता’ का विषय बना हुआ है। नयी दिल्ली ने इस पर मॉस्को से कार्रवाई की मांग की।

पिछले हफ्ते, विदेश मंत्रालय ने कहा था कि रूस-यूक्रेन संघर्ष में रूसी सेना में कार्यरत दो और भारतीय नागरिक मारे गए हैं, जिससे ऐसी मौतों की संख्या चार हो गई है।

दो भारतीयों की मौत के बाद भारत ने रूसी सेना से भारतीय नागरिकों की भर्ती न करने को कहा था।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने अपने साप्ताहिक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘हमने रूसी सेना द्वारा भर्ती किए गए भारतीयों की शीघ्र रिहाई और उनकी स्वदेश वापसी के लिए रूसी पक्ष के साथ मामला उठाया है। हमने भर्ती पर सत्यापित रोक लगाने की भी मांग की है।’’

खबरों के मुताबिक, करीब 200 भारतीय नागरिकों को रूसी सेना में सुरक्षा सहायक के तौर पर भर्ती किया गया है।

जायसवाल ने कहा, ‘हमारे प्रयासों के परिणामस्वरूप, अब तक 10 भारतीय नागरिकों को रिहा कर दिया गया है और वापस भेज दिया गया है। हम इस मुद्दे पर नयी दिल्ली और मॉस्को दोनों जगह रूसी पक्ष के साथ संपर्क में हैं।’

उन्होंने कहा, ‘यह हमारे लिए अत्यधिक चिंता का विषय बना हुआ है और हम कार्रवाई की उम्मीद करते हैं।’

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि भारत हाल ही में मारे गए दो भारतीयों के शवों को शीघ्र वापस लाने के लिए रूसी पक्ष के साथ काम कर रहा है।

उन्होंने कहा, ‘जारी संघर्ष में अब तक चार भारतीय नागरिक मारे गए हैं। हम हाल ही में मारे गए दो भारतीयों के शवों को शीघ्र वापस लाने के लिए रूसी पक्ष के साथ काम कर रहे हैं।’

जायसवाल ने कहा, ‘हम उनके परिवार के सदस्यों के भी संपर्क में हैं।’

विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को फ्रांसीसी पत्रकार सेबेस्टियन फार्सिस के इस दावे का भी खंडन किया कि उन्हें भारत छोड़ने के लिए मजबूर किया गया।

जायसवाल ने कहा कि ‘वर्क परमिट’ के नवीनीकरण के लिए फार्सिस का आवेदन अभी भी विचाराधीन है।

उन्होंने कहा, ‘फ़ार्सिस ‘ओसीआई कार्ड’ धारक हैं और हमारे नियमों के तहत उन्हें पत्रकारिता संबंधी कार्य करने के लिए अनुमोदन की आवश्यकता होती है।’

जायसवाल ने कहा कि फ़ार्सिस ने मई 2024 में वर्क परमिट के नवीनीकरण के लिए फिर से आवेदन किया है और उनका मामला विचाराधीन है।

विदेश मंत्रालय ने इसके साथ ही एबीसी न्यूज द्वारा बनाई गई एक डॉक्यूमेंट्री की सामग्री को ‘सरासर झूठ’ बताया, जिसमें ऑस्ट्रेलिया की ‘राष्ट्रीय सुरक्षा’ में हस्तक्षेप करने के भारतीय खुफिया एजेंटों के कथित प्रयासों को उजागर करने का दावा किया गया है।

जायसवाल ने कहा कि डॉक्यूमेंट्री में सरासर झूठी बातें कही गई हैं और यह भारत को ‘बदनाम’ करने के लिए एक विशेष एजेंडे को पूरा करती प्रतीत होती है।

उन्होंने कहा, ‘हम स्पष्ट रूप से आतंकवाद को नजरअंदाज करने, उसे उचित ठहराने और यहां तक ​​कि उसका महिमामंडन करने के ऐसे किसी भी प्रयास का विरोध करते हैं।’

भाषा

नेत्रपाल दिलीप

दिलीप

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)