पेड़ों को काटने के बजाय उनका प्रतिरोपण करना अधिक बुद्धिमानी : दिल्ली उच्च न्यायालय |

पेड़ों को काटने के बजाय उनका प्रतिरोपण करना अधिक बुद्धिमानी : दिल्ली उच्च न्यायालय

पेड़ों को काटने के बजाय उनका प्रतिरोपण करना अधिक बुद्धिमानी : दिल्ली उच्च न्यायालय

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:40 PM IST, Published Date : May 4, 2022/7:22 pm IST

नयी दिल्ली, चार मई (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने पूर्णत: विकसित वृक्षों को काटे जाने पर चिंता जताते हुए कहा कि दिल्ली सरकार के वन विभाग द्वारा इनको काट कर गिरा देने के स्थान पर इनका प्रतिरोपण किया जाना तर्कपूर्ण एवं बुद्धिमानी होगा। न्यायालय ने कहा कि वृक्षों को काटने की प्रक्रिया अपने ही लक्ष्यों को मात देने के समान होगी और इसे रोके जाने की जरूरत है।

न्यायमूर्ति नज्मी वजीरी ने पेड़ों के संरक्षण को लेकर दाखिल अवमानना अर्जी पर सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ता के इस दावे कि ओर ध्यान दिलाया कि आधिकारिक मंजूरी के साथ हर घंटे एक पेड़ की कटाई हो रही है। उन्होंने उप वन सरंक्षक (डीसीएफ) से गत तीन वर्ष में आधिकारिक मंजूरी के बाद की गई पेड़ों की कटाई के संबंध में जानकारी तलब की।

यह अवमानना याचिका नीरज शर्मा नामक व्यक्ति ने अधिवक्ता आदित्य एन प्रसाद के जरिये दाखिल की है और यह पूर्वी दिल्ली के विकास मार्ग इलाके के पेड़ों से संबंधित है।

न्यायमूर्ति वजीरी ने अपने आदेश में किसी भी इलाके में एक अकेले खड़े पेड़ के महत्व को रेखांकित किया और कहा कि प्रतिपूर्ति के लिए किया जाने वनरोपण ‘‘भौगोलिक रूप से दूर और छोटे पौधों का रोपण होता है जिससे मुश्किल से ही कोई राहत मिल पाती है या वास्तविक क्षतिपूर्ति हो पाती है।

अदालत ने 28 अप्रैल को दिए आदेश में कहा, ‘‘यह चिंताजनक मुद्दा है जहां एक ओर दिल्ली में हरित क्षेत्र को बढ़ाने और कायम रखने की बात की जाती है और दूसरी ओर पूर्णत: विकसित पेड़ों को काटने की अनुमति दी जाती है। यह दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी सरकार के वन विभाग द्वारा स्वयं (के लक्ष्यों) को मात देने वाला कदम है और इस पर यथाशीघ्र रोक लगाने की जरूरत है। पेड़ों को काटने के बजाय उनका दूसरे स्थान पर प्रतिरोपण करना तर्कपूर्ण और बुद्धिमानी होगा।’’

अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई के लिए पांच मई की तारीख तय की है।

न्यायाधीश ने डीसीएफ से उन वृक्षों की संख्या का खुलासा करने को कहा जिनका प्रतिरोपण किया गया और प्रतिपूर्ति के लिए किए जाने वाले पौधारोपण का ब्यौरा तलब किया।

भाषा धीरज माधव

माधव

 

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