58वें ज्ञानपीठ पुरस्कार की घोषणा, जगद्गुरु रामभद्राचार्य और गीतकार गुलजार को मिलेगा प्रतिष्ठित सम्मान

Jnanpith Award to Jagadguru Ram bhadracharya and Gulzar: प्रसिद्ध गीतकार गुलजार और संस्कृत विद्वान जगद्गुरु रामभद्राचार्य का नाम ज्ञानपीठ पुरस्कार के लिए नामित किया गया है। इन दोनों को 58वें प्रतिष्ठित ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा।

58वें ज्ञानपीठ पुरस्कार की घोषणा, जगद्गुरु रामभद्राचार्य और गीतकार गुलजार को मिलेगा प्रतिष्ठित सम्मान
Modified Date: February 17, 2024 / 07:08 pm IST
Published Date: February 17, 2024 7:08 pm IST

Jnanpith Award to Jagadguru Ram bhadracharya and Gulzar: नईदिल्ली। ज्ञानपीठ चयन समिति ने शनिवार को घोषणा करते हुए बताया है कि प्रसिद्ध गीतकार गुलजार और संस्कृत विद्वान जगद्गुरु रामभद्राचार्य का नाम ज्ञानपीठ पुरस्कार के लिए नामित किया गया है। इन दोनों को 58वें प्रतिष्ठित ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा।

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बता दें कि चित्रकूट में तुलसी पीठ के संस्थापक और प्रमुख रामभद्राचार्य एक प्रसिद्ध संस्कृत विद्वान, शिक्षक और 100 से अधिक पुस्तकों के लेखक हैं। 1950 में यूपी के जौनपुर के खांदीखुर्द गांव में जन्मे रामभद्राचार्य रामानन्द सम्प्रदाय के वर्तमान चार जगद्‌गुरु रामानन्दाचार्यों में से एक हैं। वह 1988 से इस पद पर बने हुए हैं। वे 22 भाषाएं बोलते हैं और संस्कृत, हिन्दी, अवधी, मैथिली समेत कई भाषाओं के रचनाकार हैं। 2015 में भारत सरकार ने उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया था।

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वहीं गुलजार हिंदी सिनेमा में अपने काम के लिए चर्चित और इस युग के बेहतरीन उर्दू कवियों में से एक भी माने जाते हैं। इससे पहले उन्हें 2002 में उर्दू के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार, 2013 में दादा साहब फाल्के पुरस्कार, 2004 में पद्म भूषण और कम से कम पांच राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार ​प्राप्त हो चुके हैं।

आपको बता दें कि गोवा के लेखक दामोदर मौजो को 2022 का ये प्रतिष्ठित पुरस्कार मिला था।

क्या है ज्ञानपीठ पुरस्कार?

गौरतलब है कि ज्ञानपीठ पुरस्कार भारतीय साहित्य का सर्वोच्च पुरस्कार है। 1961 में इस पुरस्कार की स्थापना की गई थी और 1965 में पहली बार मलयालम कवि जी. शंकर कुरुप को उनकी कृति ओडक्कुझल के लिए ये पुरस्कार दिया गया था। इस पुरस्कार को सिर्फ भारत के नागरिक को ही दिया जाता है, जो आठवीं अनुसूची में बताई गई 22 भाषाओं में से किसी भी भाषा में लिखता हो। पुरस्कार में 11 लाख रुपये की धनराशि, प्रशस्तिपत्र और वाग्देवी की कांस्य प्रतिमा प्रदान की जाती है।

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लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com