कच्चातिवु: सीतारमण ने द्रमुक से ‘झूठ’ फैलाना बंद करने को कहा |

कच्चातिवु: सीतारमण ने द्रमुक से ‘झूठ’ फैलाना बंद करने को कहा

कच्चातिवु: सीतारमण ने द्रमुक से ‘झूठ’ फैलाना बंद करने को कहा

:   Modified Date:  March 31, 2024 / 07:29 PM IST, Published Date : March 31, 2024/7:29 pm IST

(फाइल फोटो के साथ)

चेन्नई, 31 मार्च (भाषा) केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को कहा कि तमिलनाडु की सत्तारूढ़ द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) को कच्चातिवु मुद्दे पर ‘‘गलत जानकारी’’ देना बंद करना चाहिए।

सीतारमण ने कच्चातिवु मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की तमिलनाडु इकाई के अध्यक्ष के. अन्नामलाई द्वारा सरकारी अधिकारियों से प्राप्त एक आरटीआई जवाब का जिक्र करते हुए ‘एक्स’ पर कहा, ‘‘आरटीआई जवाब से जो खुलासा हुआ है, ऐसा पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता अम्मा ने तमिलनाडु राज्य विधानसभा में आधिकारिक तौर पर कहा था।’’

अन्नामलाई ने ‘एक्स’ पर कहा कि एक प्रमुख अंग्रेजी दैनिक ने रविवार को सूचना का अधिकार (आरटीआई) के माध्यम से प्राप्त जानकारी के आधार पर एक खबर प्रकाशित की।

अन्नामलाई ने आरोप लगाया, ‘‘कांग्रेस और द्रमुक ने श्रीलंका को कच्चातिवु सौंपने के लिए सांठगांठ की। कांग्रेस जब भी सत्ता में रही, उसे हमारे देश की सीमा, क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता की रक्षा करने में सबसे कम दिलचस्पी थी।’’

सीतारमण ने एक वीडियो क्लिप टैग किया जिसे ‘एक्स’ पर पोस्ट किया गया था। वीडियो में दिवंगत जयललिता द्वारा वर्षों पहले विधानसभा में द्रमुक विधायक के पोनमुडी के सवाल पर दिया गया जवाब दिखाया गया है।

जयललिता ने विधानसभा में (2011-16 के दौरान) कहा था कि द्रमुक सदस्यों के पास कच्चातिवु पर सवाल उठाने का कोई अधिकार नहीं है।

उन्होंने कहा था कि द्रमुक सरकार में जब एम करुणानिधि तमिलनाडु के मुख्यमंत्री थे, तब केंद्र सरकार द्वारा कच्चातिवु द्वीप श्रीलंका को सौंप दिया गया था।

उन्होंने पूछा था, ‘‘करुणानिधि क्या कर रहे थे जब केंद्र ने 1974 और 1976 में द्वीप को श्रीलंका को सौंपने के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए थे?’’

जयललिता ने इस बात की भी जानकारी मांगी थी कि क्या करुणानिधि ने उस समय केंद्र के फैसले को रोकने के लिए कदम उठाए थे या उन्होंने इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था?

जयललिता ने द्रमुक विधायक पोनमुडी के सवाल का जवाब दिया था। पोनमुडी ने कहा था कि जयललिता ने 1991 में कहा था या नहीं कि वह कच्चातिवु को वापस ले आएंगी।

उस समय, जयललिता ने अपनी टिप्पणी को याद करते हुए कहा था कि वह केंद्र सरकार के माध्यम से इस मामले पर कदम उठाएंगी। उन्होंने 1991 में यह नहीं कहा था कि वह ‘सैनिकों को सक्रिय करके’ कच्चातीवू को पुनः प्राप्त कर लेंगी। उन्होंने आरोप लगाया था कि यह द्रमुक है जो मछुआरों की परेशानियों के लिए पूरी तरह से जिम्मेदार है।

भाषा

देवेंद्र नरेश

नरेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)