नई दिल्ली: Kisan andolan’s motive पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव संपन्न होने के बाद एक बार फिर सियासी गलियारों में कृषि कानून का मुद्दा सियासी गलियारों में गूंजने लगा है। दरअसल सोमवार को इस बात का खुलासा हुआ था कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त समिति के तीन कृषि कानूनों को पूरी तरह निरस्त नहीं करने के पक्ष में नहीं थी। वहीं, सोशल मीडिया पर स्वराज इंडिया पार्टी के संस्थापक और किसान नेता का वीडियो जमकर वायरल हो रहा है। इस वायरल वीडियो में वे कहते नजर आते हैं कि किसान आंदोलन ने पिच तैयार की और अखिलेश यादव को बॉलिंग करनी थी लेकिन वे योगी आदित्यनाथ को आउट नहीं कर सके।
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Kisan andolan’s motive योगेंद्र यादव इस इंटरव्यू में कहते नजर आ रहे हैं, ‘किसान आंदोलन इस मैच (चुनाव) में खिलाड़ी नहीं था। किसान आंदोलन की भूमिका पिच तैयार करने की थी। पिच हमने तैयार की, हमने इस पर हेवी सा रोलर भी चलाया ताकि सिमर को, तेंज गेंदबाज को मदद मिले। बॉलिंग अखिलेश जी को करनी थी और वो अगर योगी जी को आउट नहीं कर सके तो खाली पिच बनाने वाले के दोष देना ठीक नहीं है। अंतत: खेल उनका है, खेल पार्टियों का है।’
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गौरतलब है कि सोमवार को ये बात सामने आई कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त समिति तीन कृषि कानूनों को पूरी तरह निरस्त नहीं करने के पक्ष में थी। समिति ने इसके बजाय निर्धारित मूल्य पर फसलों की खरीद का अधिकार राज्यों को देने और आवश्यक वस्तु कानून को खत्म करने का सुझाव दिया था। समिति के तीन सदस्यों में से एक ने सोमवार को रिपोर्ट जारी करते हुए यह बात कही। पुणे के किसान नेता अनिल घनवट ने कहा कि उन्होंने तीन मौकों पर समिति की रिपोर्ट जारी करने के लिए उच्चतम न्यायालय को पत्र लिखा था, लेकिन कोई जवाब नहीं मिलने के कारण वह इसे खुद जारी कर रहे हैं।
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घनवट ने कहा कि समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि ‘इन कानूनों को निरस्त करना या लंबे समय तक निलंबन उन खामोश बहुमत के खिलाफ अनुचित होगा जो कृषि कानूनों का समर्थन करते हैं।’ समिति ने कानूनों के क्रियान्वयन और रूपरेखा में कुछ लचीलापन लाने का समर्थन किया। हितधारकों के साथ समिति की द्विपक्षीय बातचीत से जाहिर हुआ कि केवल 13.3 प्रतिशत हितधारक तीन कानूनों के पक्ष में नहीं थे। घनवट ने कहा, ‘3.3 करोड़ से अधिक किसानों का प्रतिनिधित्व करने वाले लगभग 85.7 प्रतिशत किसान संगठनों ने कानूनों का समर्थन किया।’
On the day the SC report's findings reveal 83% farmers wanted the 3 farm laws to be passed, one of the prominent faces of the so-called farmer agitation openly admitted that the whole purpose of the agitation was to lay the ground for BJP's defeat in UP.pic.twitter.com/jVEWYb4hvv
— Ajit Datta (@ajitdatta) March 22, 2022