यमुनानगर, 14 जून (भाषा) हरियाणा के यमुनानगर में अनिल गिरि जिस निर्माणाधीन घर को पूरा कराने का सपना देख रहे थे वह कुवैत के मंगाफ में लगी भीषण आग में उनकी मौत के बाद अधूरा ही रह गया।
गिरि के भतीजे हिमांशु ने बताया कि 35 वर्षीय गिरि की मौत की खबर मिलने के बाद उनका परिवार बृहस्पतिवार शाम बिहार के गोपालगंज जिले में स्थित उनके पैतृक गांव के लिए रवाना हो गया, जहां उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि चार भाई-बहनों में सबसे छोटे गिरी पिछले आठ सालों से कुवैत में काम कर रहे थे। पिछले साल वह अपने परिवार से मिलने यमुनानगर आए थे और यहां घर बनवा रहे थे।
हिमांशु ने बताया कि मकान अभी अधूरा है।
गिरि उन 45 भारतीयों में शामिल थे, जिन्होंने कुवैत में लगी भीषण आग में अपनी जान गंवा दी थी।
गिरि के परिवार में उनकी पत्नी प्रियंका, 14 वर्षीय बेटी महक और 11 वर्षीय बेटा मनात हैं।
गिरि (35) कुवैत में वेल्डर/सहायक के तौर पर काम करने गए थे ताकि वह अपने परिवार का भरण-पोषण कर सकें और अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दे सकें।
भाषा
योगेश संतोष
संतोष
(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
दिल्ली : युवती की हत्या कर शव दफनाने के दो…
58 mins ago