चेन्नई, 13 जून (भाषा) मद्रास उच्च न्यायालय ने तमिलनाडु और पुडुचेरी बार काउंसिल (बीसीटीपी) को निर्देश दिया है कि वह बीसीटीपी में पंजीकृत सभी वकीलों और वरिष्ठ वकीलों को चेन्नई, कोयंबटूर और मदुरै में अपने कनिष्ठ वकीलों को न्यूनतम 20,000 रुपये प्रति माह वजीफा देने के लिए चार सप्ताह में दिशानिर्देश जारी करे।
न्यायमूर्ति एस. एम. सुब्रमण्यम और न्यायमूर्ति सी. कुमारप्पन की खंडपीठ ने पुडुचेरी में अधिवक्ता कल्याण निधि योजना को लागू करने की याचिका पर अंतरिम आदेश पारित करते हुए यह निर्देश दिया।
याचिकाकर्ता फरीदा बेगम ने अपने लिए भी 25 लाख रुपये का मुआवजा मांगा।
पीठ ने कहा कि किसी जूनियर अधिवक्ता की सेवाएं लेने वाले किसी भी अधिवक्ता/वरिष्ठ अधिवक्ता को तमिलनाडु और पुडुचेरी के अन्य क्षेत्रों में प्रैक्टिस करने वाले अधिवक्ताओं को न्यूनतम 15,000 रुपये प्रति माह का वजीफा देना होगा।
पीठ ने मामले को 22 जून, 2024 को अगली सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया है।
भाषा जोहेब पवनेश
पवनेश
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