अयोध्या में मुसलमानों के लिए 'मंदिर-मस्जिद' कोई मुद्दा नहीं, वे विकास चाहते हैं |

अयोध्या में मुसलमानों के लिए ‘मंदिर-मस्जिद’ कोई मुद्दा नहीं, वे विकास चाहते हैं

अयोध्या में मुसलमानों के लिए 'मंदिर-मस्जिद' कोई मुद्दा नहीं, वे विकास चाहते हैं

:   Modified Date:  May 19, 2024 / 09:44 PM IST, Published Date : May 19, 2024/9:44 pm IST

(अरुणव सिन्हा)

अयोध्या (उप्र), 19 मई (भाषा) राम मंदिर के निर्माण के बाद पहली बार मतदान के लिए तैयार अयोध्या में मुस्लिम मतदाताओं का कहना है कि उनके लिए ‘मंदिर-मस्जिद’ कोई मुद्दा नहीं है और रोजगार तथा विकास उनकी पहली प्राथमिकताएं हैं।

राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले में अहम वादी रहे इकबाल अंसारी सहित कुछ लोग अयोध्या के विकास के लिए भाजपा को ‘वाजिब श्रेय’ देते हैं। अन्य लोगों का मानना ​​है कि विकास का लाभ अयोध्या के सभी हिस्सों तक पहुंचाने के लिए अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है।

अंसारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘जब चुनाव आते हैं, तो राजनेता भगवान को याद करना शुरू कर देते हैं, मगर लोग स्वास्थ्य, शिक्षा सुविधाएं और सुरक्षा चाहते हैं।’

उन्होंने कहा, ‘अयोध्या में भाजपा ने अच्छा काम किया है और इसलिए उसे इसका श्रेय मिलना चाहिए। भाजपा को यहां बढ़त हासिल है। हालांकि मुझे चुनाव में ज्यादा दिलचस्पी नहीं है, लेकिन मैं मतदान के दिन वोट जरूर डालूंगा।’

अंसारी ने कहा कि राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता उनके घर वोट मांगने आ रहे हैं और भाजपा ने सबसे पहले उनसे संपर्क किया था।

अंसारी ने पहले कहा था कि भाजपा ने राम मंदिर मुद्दे को खत्म कर दिया है।

अंसारी इसी साल 22 जनवरी को हुए राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल हुए थे। प्रधानमंत्री ने अपने एक भाषण में अंसारी की इस सहभागिता के लिए उनका जिक्र भी किया था।

भाजपा से जुड़े बिल्डर और सरकारी ठेकेदार अशफाक हुसैन ने कहा कि मुस्लिम महिलाएं भाजपा के साथ हैं।

स्थानीय निवासी बबलू खान ने कहा, ‘तीन तलाक के मुद्दे पर (मुस्लिम) महिलाओं ने (भाजपा को) समर्थन दिया है। तीन तलाक और राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति के मामले में भाजपा के बारे में उनकी राय बहुत अच्छी है। फैजाबाद लोकसभा सीट के रुदौली विधानसभा क्षेत्र में बड़ी संख्या में मुसलमानों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर मिले हैं।’

उन्होंने कहा, ‘अयोध्या में विकास की धारा बह रही है। अयोध्या के लोग संतुष्ट हैं और फैजाबाद के मौजूदा भाजपा सांसद लल्लू सिंह तीसरी बार फिर जीतेंगे। ’’

हालांकि हर कोई इससे इत्तेफाक नहीं रखता है। स्थानीय बाशिंदे मोहम्मद आमिर ने कहा कि लोगों को मंदिर-मस्जिद में कोई दिलचस्पी नहीं है और वे नौकरी चाहते हैं।

उन्होंने कहा, ‘हमें नौकरी चाहिए। मंदिर-मस्जिद के मुद्दे से घर नहीं चलेगा। मैं यह इसलिए नहीं कह रहा हूं कि मैं मुसलमान हूं, मैं यह बेरोजगार व्यक्ति के तौर पर कह रहा हूं। मंदिर-मस्जिद कोई (चुनावी) मुद्दा नहीं होना चाहिए।’

आमिर ने कहा कि वह ऐसी पार्टी को वोट देंगे जो जनहित को प्राथमिकता दे।

अयोध्या में चुनावी मैदान में उतरे एकमात्र मुस्लिम उम्मीदवार फरीद सलमानी ने कहा कि निर्वाचन क्षेत्र के बाहरी इलाकों में रहने वाले लोगों का जीवन विकास से अछूता है।

निर्दलीय उम्मीदवार सलमानी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘निर्वाचन क्षेत्र के बाहरी इलाकों, खासकर गांवों में चीजें मेरे बचपन से ही कमोबेश जैसी की तैसी हैं। लगभग हर जाति के सांसद और विधायक चुने गए लेकिन कई इलाकों में विकास अभी भी नहीं पहुंचा है।’

फैजाबाद लोकसभा क्षेत्र में पांच विधानसभा सीट शामिल हैं – दरियाबाद, रुदौली, मिल्कीपुर, बीकापुर और अयोध्या। इनमें से दरियाबाद पड़ोसी बाराबंकी जिले में स्थित है और बाकी चार विधानसभा क्षेत्र अयोध्या जिले में हैं।

फैजाबाद निर्वाचन क्षेत्र में 19,27,459 मतदाता हैं।

भाजपा के सिंह और समाजवादी पार्टी के मिल्कीपुर विधायक अवधेश प्रसाद सहित 13 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। फैजाबाद लोकसभा सीट के लिए सात चरणों में होने वाले चुनाव के पांचवें चरण में 20 मई को मतदान होगा।

भाषा सलीम

राजकुमार

राजकुमार

 

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