एमसीडी चुनाव : शाम साढ़े पांच बजे तक 50.47 प्रतिशत मतदान, भाजपा, ‘आप’ ने अपनी-अपनी जीत के दावे किए |

एमसीडी चुनाव : शाम साढ़े पांच बजे तक 50.47 प्रतिशत मतदान, भाजपा, ‘आप’ ने अपनी-अपनी जीत के दावे किए

एमसीडी चुनाव : शाम साढ़े पांच बजे तक 50.47 प्रतिशत मतदान, भाजपा, ‘आप’ ने अपनी-अपनी जीत के दावे किए

:   Modified Date:  December 5, 2022 / 12:40 AM IST, Published Date : December 5, 2022/12:40 am IST

नयी दिल्ली, चार दिसंबर (भाषा) दिल्ली में 250 नगर निगम वार्ड के चुनाव में रविवार को शाम साढ़े पांच बजे तक करीब 50.47 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया। मुख्य प्रतिद्वंद्वियों भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और आम आदमी पार्टी (आप), दोनों ने अपनी-अपनी जीत के दावे किए हैं।

राज्य निर्वाचन आयोग ने रविवार को एक बयान में कहा कि कुछ मतदान केंद्रों पर शाम साढ़े पांच बजे के बाद भी मतदान जारी रहा, जहां मतदाता मतदान परिसर के अंदर पहले से ही कतार में खड़े हुए थे।

बयान में कहा गया है, ‘‘एमसीडी के 250 वार्ड के लिए मतदान चार दिसंबर को हुआ और शाम साढ़े पांच बजे तक करीब 50.47 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया।’’

इसमें कहा गया है कि सबसे अधिक (65.74 प्रतिशत) मतदान वार्ड नंबर पांच (बख्तावरपुर) में हुआ, जबकि सबसे कम (33.74 फीसदी) वोट वार्ड नंबर 145 (एंड्रयूज गंज) में पड़े।

एसईसी ने कहा कि आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन की छिटपुट घटनाओं को छोड़कर मतदान कुल मिलाकर शांतिपूर्ण रहा और कहीं से भी कोई अप्रिय घटना दर्ज नहीं की गई।

बयान में कहा गया है, ‘‘दिल्ली पुलिस के केंद्रीय नियंत्रण कक्ष में चुनाव से संबंधित करीब 230 कॉल आए। पुलिस ने मतदान वाले दिन करीब 280 लीटर भारत निर्मित विदेशी शराब और 566 लीटर देसी शराब भी जब्त की।’’

इसमें कहा गया है, ‘‘तीन प्राथमिकियां दर्ज की गईं और इस संबंध में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने एहतियातन कार्रवाई के तहत 10 मामले भी दर्ज किए हैं।’’

बयान के अनुसार, वार्ड नंबर 31 (नंगल ठकरान) में तीन मतदान केंद्रों (17, 18 ,19) में मतदाताओं ने राजनीतिक दलों द्वारा अपने इलाकों में विकास न किए जाने को लेकर चुनाव का ‘‘बहिष्कार’’ किया।

एसईसी ने बयान में कहा कि मीडिया में मतदाता सूची से कुछ लोगों के नाम हटाए जाने के संबंध में कुछ घटनाएं दिखाई गईं।

उसने कहा, ‘‘इस संबंध में राज्य निर्वाचन आयोग ने मीडिया को एक स्पष्टीकरण दिया है कि मतदाता सूची तैयार करने तथा उसमें नाम जोड़ने या हटाने का काम केवल भारत निर्वाचन आयोग करता है, जिसका दिल्ली में प्रतिनिधि मुख्य निर्वाचन अधिकारी, दिल्ली होता है। राज्य निर्वाचन आयोग ‘जैसा है जहां है’ के आधार पर ईसीआई की मतदाता सूची को अपनाता है और राज्य निर्वाचन आयोग की मतदाता सूची में नाम जोड़ने या हटाने में कोई भूमिका नहीं रहती है।’’

अधिकारियों ने बताया कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) में बड़ी गड़बड़ी की कोई सूचना नहीं मिली और 493 स्थानों पर 3,360 संवेदनशील बूथों पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच मतदान शांतिपूर्वक संपन्न हुआ।

उन्होंने बताया कि मतदान के लिए 25 हजार पुलिसकर्मियों, लगभग 13 हजार होमगार्ड और अर्धसैनिक बलों की 100 कंपनियों को तैनात किया गया था।

उत्तर-पूर्वी दिल्ली और कुछ अन्य इलाकों में कई लोगों ने शिकायत की कि उनके नाम मतदाता सूची से गायब हैं। कांग्रेस की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष अनिल कुमार उन लोगों में शामिल थे, जो मतदान नहीं कर सके।

भाजपा ने कहा कि उसने मतदाता सूची से गायब नामों को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग में शिकायत दर्ज कराई है।

चुनाव परिणामों की घोषणा सात दिसंबर को होगी।

अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली ‘आप’ और भाजपा के बीच मुकाबले में कूड़े के पहाड़ (लैंडफिल) सबसे बड़े मुद्दों में से एक के रूप में उभरे।

भाजपा पिछले 15 वर्षों से नगर निगम की सत्ता में है।

‘आप’ और उसके नेता अरविंद केजरीवाल के लिए चुनाव महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि वे देश में 2024 के आम चुनावों से पहले पार्टी का विस्तार चाहते हैं।

भाजपा ने एमसीडी चुनाव के प्रचार के लिए अपने शीर्ष नेताओं को मैदान में उतारा था। इनमें पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा और राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी तथा पीयूष गोयल जैसे 19 केंद्रीय मंत्री और छह राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल हैं।

भाजपा को 2020 के दिल्ली विधानसभा चुनावों में ‘आप’ के हाथों हार का सामना करना पड़ा था और उसने 70 में से सिर्फ आठ सीटें जीती थीं।

राज्य निर्वाचन आयोग के अधिकारियों द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में मतदाताओं की कुल संख्या 1,45,05,358 है, जिनमें 78,93,418 पुरुष, 66,10,879 महिलाएं और 1,061 ट्रांसजेंडर शामिल हैं।

नए परिसीमन के बाद यह पहला नगर निगम चुनाव है और यह मतदान गुजरात विधानसभा चुनाव के पहले चरण के कुछ दिन बाद और दूसरे चरण से एक दिन पहले हुआ।

एमसीडी चुनाव में 1.45 करोड़ से अधिक मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग करने के पात्र हैं। कुल 1,349 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं।

इससे पूर्व दिन में केजरीवाल ने लोगों से अपील की थी कि वे एमसीडी में एक ईमानदार और बेहतर शासन के लिए अपने मताधिकार का इस्तेमाल करें।

उन्होंने ट्वीट किया था, ‘‘साफ-स्वच्छ और सुंदर दिल्ली बनाने के लिए आज मतदान है, नगर निगम में एक भ्रष्टाचार मुक्त सरकार बनाने के लिए मतदान है। सभी दिल्लीवासियों से मेरी अपील-दिल्ली नगर निगम में एक ईमानदार और काम करने वाली सरकार बनाने के लिए आज अपना वोट डालने जरूर जाएं।’’

भाजपा की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने अपनी पत्नी के साथ वेस्ट पटेल नगर में वोट डाला।

गुप्ता ने दावा किया कि भाजपा लगातार चौथी बार एमसीडी में स्पष्ट बहुमत के साथ सत्ता में वापसी करने जा रही है। उन्होंने कहा, ‘‘लोगों ने केजरीवाल सरकार के घोटालों और झूठे प्रचार के खिलाफ मतदान किया है।’’

इस बीच, मतदाता सूची से नाम गायब होने से कई लोगों को मायूसी हाथ लगी।

खजूरी खास के एक मतदान केंद्र पर मतदाताओं की सूची उलट-पलट रहे 19 वर्षीय पुनीत कुमार रविवार को पहली बार मतदान करने के लिए उत्साहित थे, लेकिन सूची से अपना नाम नदारद मिलने पर वह निराश हो गए।

पुनीत ने कहा, ‘‘ मैं यहां अपना वोट डालने आया था। मैंने देखा कि सूची में मेरा नाम नहीं है। अधिकारियों को कुछ अता-पता नहीं है। मैं पिछले कुछ घंटों से खड़ा हूं, लेकिन कोई मेरी मदद नहीं कर रहा है। ’’

कांग्रेस की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष अनिल कुमार चौधरी दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) चुनाव में अपना नाम मतदाता सूची में नहीं होने के कारण मतदान नहीं कर सके।

कुमार ने पूर्वी दिल्ली के दल्लूपुरा में एक मतदान केंद्र पर कहा, ‘‘मेरा नाम न तो मतदाता सूची में है और न ही हटाई गई सूची में। मेरी पत्नी ने मतदान किया है।’’

दिल्ली में बवाना के कटेवड़ा गांव के मतदान केंद्रों में सन्नाटा पसरा रहा, क्योंकि यहां के निवासियों ने एमसीडी चुनाव का बहिष्कार किया और निगम पर गांव की उपेक्षा करने का आरोप लगाया।

गांव निवासी कृष्णा वत्स ने कहा, ‘‘पूरे गांव ने सर्वसम्मति से चुनाव का बहिष्कार करने का फैसला किया। नगर निगम के साथ-साथ दिल्ली सरकार ने हमेशा यहां के लोगों की उपेक्षा की है, इसलिए हम वोट क्यों दें?’’

वत्स ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘यहां की मुख्य सड़कें टूटी हुई हैं, नालियां जाम हैं और एमसीडी स्कूलों की हालत जर्जर है।’’

एमसीडी चुनाव में मतदान करने वाली महिलाओं के लिए साफ-सफाई, पार्क का रख-रखाव और पार्किंग सुविधाओं का अभाव चिंता के मुख्य मुद्दे थे।

वोट डालने के लिए यहां दीन दयाल उपाध्याय मार्ग स्थित ‘पिंक’ मतदान केंद्र पर पहुंचीं डॉक्टर रेहाना परवीन ने कॉलोनी से कूड़ा उठाने के मुद्दे को चिंता का एक प्रमुख विषय बताया।

उत्तरी दिल्ली के बाड़ा हिंदू राव इलाके में रविवार सुबह 106 वर्षीय शांति बाला वैद्य अपनी बेटी के साथ एमसीडी चुनाव के लिए मतदान करने पहुंचीं।

उनकी बेटी कमला ने कहा, “उन्होंने वोट डालना शुरू करने के बाद से एक बार भी मतदान नहीं छोड़ा है।”

राष्ट्रीय राजधानी के संवेदनशील बूथों पर कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए 60 ड्रोन का इस्तेमाल किया गया।

उत्तरी दिल्ली में, मतदान प्रक्रिया की बारीकी से निगरानी करने के लिए, विशेष पुलिस आयुक्त (कानून व्यवस्था) दीपेंद्र पाठक और अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (मध्य क्षेत्र) सुमन गोयल ने सिविल लाइंस थाना और तिमारपुर अनुमंडल सहित जिले के कई इलाकों का दौरा किया।

अधिकारियों ने कहा कि चांदनी चौक सहित विभिन्न क्षेत्रों में व्यापक पैदल गश्त सुनिश्चित की गई थी।

उत्तर-पश्चिमी दिल्ली में उपद्रवियों और असामाजिक तत्वों पर नजर रखने के लिए सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए थे।

अधिकारियों ने कहा कि विभिन्न क्षेत्रों में ड्रोन से हवाई निगरानी भी की गई।

भाजपा और ‘आप’ ने मतदान के दौरान एक-दूसरे पर आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगाया।

भाजपा की दिल्ली इकाई के प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने आरोप लगाया कि मतदान के दिन लाखों लोगों को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के रिकॉर्ड किए गए संदेश प्राप्त हुए, जिसमें उन्होंने लोगों से ‘आप’ को वोट देने की अपील की।

‘आप’ विधायक दिलीप पांडेय ने संवाददाताओं से कहा कि लोग नगर निगम के 15 साल के ‘कुशासन’ के लिए भाजपा को दंडित करने जा रहे हैं।

दक्षिणी दिल्ली के पुष्प विहार से ‘आप’ उम्मीदवार अरुण नवरिया ने आरोप लगाया कि भाजपा कार्यकर्ताओं ने मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए पैसे बांटे।

दिल्ली में 2012-2022 तक 272 वार्ड और तीन निगम-उत्तरी दिल्ली नगर निगम (एनडीएमसी), दक्षिणी दिल्ली नगर निगम (एसडीएमसी) और पूर्वी दिल्ली नगर निगम (ईडीएमसी) थे। तीनों नगर निगमों के फिर से एकीकृत होने के बाद एमसीडी औपचारिक रूप से 22 मई को अस्तित्व में आया था।

वर्ष 1958 में स्थापित एमसीडी को 2012 में तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के कार्यकाल के दौरान तीन भागों में बांट दिया गया था।

वर्ष 2017 में हुए नगर निगम चुनाव में भाजपा ने 270 वार्ड में से 181 वार्ड में जीत हासिल की थी। उस वर्ष हुए चुनाव में लगभग 53 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया था।

भाषा

गोला पारुल

पारुल

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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