जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने संबंधी प्रधानमंत्री मोदी के बयान पर मिली-जुली प्रतिक्रिया |

जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने संबंधी प्रधानमंत्री मोदी के बयान पर मिली-जुली प्रतिक्रिया

जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने संबंधी प्रधानमंत्री मोदी के बयान पर मिली-जुली प्रतिक्रिया

:   Modified Date:  June 21, 2024 / 12:01 AM IST, Published Date : June 21, 2024/12:01 am IST

श्रीनगर, 20 जून (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की इस घोषणा पर मिली-जुली प्रतिक्रियाएं आई हैं कि जम्मू-कश्मीर में जल्द ही विधानसभा चुनाव होगा और निकट भविष्य में राज्य का दर्जा बहाल करने की योजना पर काम जारी है।

कांग्रेस के पूर्व नेता गुलाम नबी आजाद की अगुवाई वाली डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (डीपीएपी) ने मोदी की घोषणा का स्वागत किया, जबकि प्रमुख क्षेत्रीय दलों-नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने सावधानीपूर्वक प्रतिक्रिया व्यक्त की।

डीपीएपी के मुख्य प्रवक्ता सलमान निजामी ने एक बयान में कहा, “हम जम्मू-कश्मीर में चुनाव कराने और राज्य का दर्जा बहाल करने के प्रधानमंत्री मोदी जी के बयान का स्वागत करते हैं।”

उन्होंने कहा कि हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में लोगों की भागीदारी से संकेत मिलता है कि लोग “परिवर्तन के लिए उत्सुक हैं और निर्वाचित सरकार का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।”

निजामी ने कहा, “यह लोगों की लंबे समय से इच्छा और मांग रही है। सरकार को नागरिकों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए शांति व चुनावों का सुचारू संचालन भी सुनिश्चित करना चाहिए।”

नेशनल कॉन्फ्रेंस के मुख्य प्रवक्ता तनवीर सादिक ने कहा कि निर्वाचन आयोग को विधानसभा चुनाव कराने के लिए उच्चतम न्यायालय की समयसीमा का पालन करना चाहिए।

सादिक ने ‘एक्स’ पर लिखा, “बस आपको बता दें कि निर्वाचन आयोग को चुनाव के लिए उच्चतम न्यायालय की समयसीमा का पालन करना चाहिए, जबकि सरकार की एकमात्र जिम्मेदारी शांतिपूर्ण चुनावी माहौल सुनिश्चित करना है।”

पीडीपी के मुख्य प्रवक्ता सुहैल बुखारी ने भी कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोग पिछले कुछ साल से विधानसभा चुनाव और राज्य का दर्जा बहाल करने के बारे में सुन रहे हैं, लेकिन वे तभी इस पर विश्वास करेंगे जब ऐसा होगा।

बुखारी ने कहा, “हम पिछले पांच साल से यह सुन रहे हैं। जब ऐसा होगा, तभी हम इस पर विश्वास करेंगे। वे चुनाव और राज्य के दर्जे के बारे में इस तरह बात करते हैं, जैसे वे हमारे लोकतांत्रिक अधिकार देकर हम पर कोई एहसान कर रहे हों।”

भाषा जोहेब नेत्रपाल

नेत्रपाल

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)