मप्र नर्सिंग महाविद्यालय घोटाला: सीबीआई दलों ने हर संस्थान से दो से 10 लाख रुपये तक की रिश्वत ली |

मप्र नर्सिंग महाविद्यालय घोटाला: सीबीआई दलों ने हर संस्थान से दो से 10 लाख रुपये तक की रिश्वत ली

मप्र नर्सिंग महाविद्यालय घोटाला: सीबीआई दलों ने हर संस्थान से दो से 10 लाख रुपये तक की रिश्वत ली

:   Modified Date:  May 21, 2024 / 08:13 PM IST, Published Date : May 21, 2024/8:13 pm IST

नयी दिल्ली, 21 मई (भाषा) मध्य प्रदेश में नर्सिंग महाविद्यालय घोटाले की जांच कर रहे केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने खुलासा किया है कि उसके अधिकारी निरीक्षण के बाद अनुकूल रिपोर्ट देने के लिए हर शिक्षण संस्थान से कथित रूप से दो से 10 लाख रुपये तक की रिश्वत ले रहे थे। सीबीआई ने यह जानकारी दी है।

इस मामले में सीबीआई के पुलिस उपाधीक्षक आशीष प्रसाद, निरीक्षक राहुल राज एवं सुशील कुमार मजोका तथा ऋषिकांत असाथे एजेंसी द्वारा नामजद 22 लोगों में शामिल हैं। राहुल राज और सुशील कुमार मजोका सीबीआई में मध्य प्रदेश पुलिस से संबद्ध थे। राज को रविवार को गिरफ्तार कर लिया गया था।

सीबीआई की प्राथमिकी में नर्सिंग पाठ्यक्रम चला रहे आठ महाविद्यालयों के निदेशकों, अध्यक्षों, कर्मियों एवं बिचौलियों के भी नाम हैं जिन्होंने निरीक्षण दलों की ओर से रिश्वत ली थी और उन तक रकम पहुंचायी थी।

एक सीबीआई प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, ‘‘ सीबीआई द्वारा दर्ज यह मामला भ्रष्टाचार को कतई बर्दाश्त नहीं करने की उसकी नीति की प्रतिपुष्टि करता है और यह भी दर्शाता है कि सीबीआई अपने अधिकारियों को भी नहीं बख्शती है यदि वे अपने संगठन के मूल मूल्यों से भटके हुए पाये जाते हैं।’’

इन निरीक्षण दलों को मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के निर्देश पर गठित किया गया था। उच्च न्यायालय ने राज्य में नर्सिंग महाविद्यालयों के निरीक्षण के लिए इन दलों का गठन करने का निर्देश दिया था।

सीबीआई ने इन दलों का गठन किया था जिनमें उनके अधिकारियों के अलावा भारतीय नर्सिंग परिषद द्वारा नामित कर्मी एवं राज्य के पटवारी भी शामिल थे।

सीबीआई को सूचना मिली थी कि इन दलों ने भारी-भरकम रिश्वत लेकर इन अपात्र संस्थानों को अनुकूल रिपोर्ट प्रदान की। सीबीआई ने इन आरोपों का सत्यापन करने तथा गोपनीय ढंग से अधिकारियों पर नजर रखने के बाद प्राथमिकी दर्ज की।

सीबीआई की प्राथमिकी में कहा गया है, ‘‘सूत्र ने यह भी सूचना दी थी कि इस चौकड़ी ने हर नर्सिंग संस्थान से दो लाख से 10 लाख रुपये तक की रिश्वत वसूली। यह रिश्वत राशि सीबीआई अधिकारियों एवं बिचौलियों के बीच बांटी गयी।’’

जांच एजेंसी को यह भी जानकारी मिली कि सीबीआई निरीक्षण दल में शामिल हर नर्सिंग अधिकारी को 25000-50000 रुपये तथा हर पटवारी को 5000-20000 रुपये बतौर रिश्वत दिये गये।

प्राथमिकी में कहा गया है, ‘‘नर्सिंग अधिकारी, विशेषज्ञ और पटवारी के लिए रिश्वत की राशि इन व्यक्तियों (बिचौलियों) ने निरीक्षण के दिन ही या उसके अगले दिन उन तक पहुंचा दी। ’’

प्राथमिकी में सीबीआई ने ‘मलय कॉलेज ऑफ नर्सिंग’ के अध्यक्ष अनिल भाष्करण तथा ‘आर डी मेमोरियल ऑफ नर्सिंग एंड फार्मेसी’ के अध्यक्ष रवि भदोरिया को नामजद किया है।

भाषा

राजकुमार अविनाश

अविनाश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)