भुवनेश्वर, सात फरवरी (भाषा) ओडिशा के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री सुदाम मरांडी ने बुधवार को विधानसभा में बताया कि राज्य सरकार को राज्य के 15 मौजूदा जिलों को पुनर्गठित करके 28 नये जिलों के गठन के प्रस्ताव मिले हैं।
विधायकों एन. चरण माझी और कुसुम टेटे द्वारा पूछे गए एक प्रश्न का उत्तर देते हुए मंत्री ने विधानसभा को बताया कि सरकार नये जिलों के गठन की मांगों पर उचित समय पर उचित निर्णय लेगी।
मरांडी ने कहा कि ओडिशा उच्च न्यायालय ने 21 दिसंबर, 2023 को जिलों के पुनर्गठन पर एक जनहित याचिका (2023 के संख्या 41923) पर सुनवायी करते हुए राज्य सरकार को निर्देश दिया था कि वह अदालत की सहमति के बिना इस पर कोई अंतिम आदेश जारी न करे।
मंत्री के जवाब के अनुसार, सरकार को मौजूदा मयूरभंज जिले को पुनर्गठित करके चार नये जिले बनाने की मांगें मिली हैं। आदिवासी बहुल जिले को विभाजित करके पश्चिम मयूरभंज, रायरंगपुर, खिचिंग और करंजिया या पंछीपुर को नये जिले बनाने का प्रस्ताव मिला था।
इसी तरह मौजूदा गंजाम जिले को पुनर्गठित करने और घुमुसर, अस्का, बेरहामपुर एवं भंजनगर को नये जिले घोषित करने के लिए सरकार को प्रस्ताव प्रस्तुत किए गए थे।
इसके अलावा बोलांगीर जिले के कुछ लोगों ने टिटलागढ़, कांटाबांजी और पाटणागढ़ को नये जिले घोषित करने की मांग रखी। मौजूदा बालासोर जिले को पुनर्गठित करके नीलगिरि, सोरो और जलेश्वर को नया जिला बनाने की मांग की जा रही है।
अन्य प्रस्तावित नए जिले हैं पदमपुर (बारगढ़ जिला), धर्मगढ़ (कालाहांडी), तालचेर एवं पल्लाहारा गडजात (अंगुल)। इसके साथ ही भुवनेश्वर (खुर्दा), अथागढ़ और चंडीखोल (कटक) के साथ कुचिंडा (संबलपुर), बालीगुडा (कंधमाल), आनंदपुर (क्योंझर), नीमापारा (पुरी) और गुनुपुर (रायगड़ा) के लिए प्रस्ताव आए हैं।
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