कल से शुरु हो रहा है पितृपक्ष, भूलकर भी न करें ये काम, नहीं तो समस्याओं से घिर सकता है जीवन

कल से शुरु हो रहा है पितृपक्ष, भूलकर भी न करें ये काम, नहीं तो समस्याओं से घिर सकता है जीवन! Pitru Paksha is starting from September 10th

कल से शुरु हो रहा है पितृपक्ष, भूलकर भी न करें ये काम, नहीं तो समस्याओं से घिर सकता है जीवन

इस बार पितृ पक्ष 16 दिन का होगा। ऐसे में इस दौरान कुछ कार्यों से परहेज करने के साथ-साथ कुछ चीजों को ध्यान में रखना आवश्यक होता है। पितृ पक्ष के श्राद्ध में इन कार्यों को करने से पितरों का आशीर्वाद मिलता है।

Modified Date: November 29, 2022 / 08:16 pm IST
Published Date: September 9, 2022 10:17 am IST

नई दिल्ली। Pitru Paksha is starting इस साल 2022 में पितृपक्ष 10 सितंबर से शुरु हो रहा है, जो आश्विन माह यानी 25 सितंबर तक रहेगा। अंग्रेजी कलेंडर के अनुसार इस बार श्राद्ध पक्ष से प्रारंभ हो रहा है। पितृपक्ष में पूर्वजों की आत्मा की शांति और उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए तर्पण और श्राद्ध किए जाते है। पितृपक्ष को श्राद्ध पक्ष के नाम से भी जाना जाता है।

Read More: यहां बेहद ही सस्ता में मिल रहा है पेट्रोल, कीमत सिर्फ 84 रुपए लीटर, डीजल के दाम भी काफी कम

Pitru Paksha is starting ज्योतिषाचार्यों के अनुसार पितृपक्ष में कोई भी नई चीज की खरीददारी नहीं करना चाहिए। हालंकि ये किसी ग्रंथ में नहीं लिखा है। लेकिन पुराणों और ग्रंथो में पितरों के लिए श्राद्ध की बात कही गई है। ग्रंथो के अनुसार मृत्यु सूतक में ही शुभ कार्यों के लिए खरीदारी नहीं की जा सकती। वहीं पितृपक्ष में गलत कार्याें से बचना चाहिए। पितृपक्ष में पितृ हमारे घर आते हैंए जो कि खुशी का समय है। उनका श्राद्ध करके उनका आशीर्वाद प्राप्त करना चाहिए। सोलह दिनों तक चलने वाले पितृपक्ष में केवल मांगलिक कार्य करना अशुभ बताया गया है।

 ⁠

Read More: दूसरों की नकल उतारने में माहिर थी महारानी एलिजाबेथ द्वितीय, जानें उनके जीवन से जुड़ी अहम बातें 

वहीं इस पक्ष में व्यसन और मांसाहार को पूरी तरह से वर्जित माना गया है और श्राद्ध पक्ष में मांगलिक कार्य वर्जित माने जाते हैं। वहीं श्राद्ध रात्रि में नहीं किया जाता। श्राद्ध का समय दोपहर 12 बजे से एक बजे के बीच उपयुक्त माना गया है। पितृपक्ष में गायत्री मंत्रए ॐ सर्व पितृदेवताभ्यो नमरूए ॐ नमो भगवते वासुदेवाय का उच्चारण करना चाहिए।

Read More: ओलंपिक चैंपियन गोल्डन बॉय ने फिर रचा इतिहास, डायमंड लीग ट्रॉफी जीतने वाले बने पहले भारतीय 

1. शास्त्रों के अनुसार, पितृपक्ष में पितर देवता घर पर किसी भी रूप में आ सकते हैं। इसलिए घर की चौकट पर आए किसी भी पशु या व्यक्ति का अपमान नहीं करना चाहिए। दहलीज पर आने वाले हर शख्स को भोजन कराना चाहिए और आदर करें।

2. पितृपक्ष में चना, दाल, जीरा, नमक, सरसों का साग, लौकी और खीरा जैसी चीजों के सेवन से बचना चाहिए।

3. किसी तीर्थस्थल पर पितरों के तर्पण और श्राद्ध का विशेष महत्व होता है। ऐसी मान्यता है कि गया, बद्रीनाथ या प्रयाग में श्राद्ध से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसके अलावा जिन लोगों को विशेष स्थान पर श्राद्ध नहीं करना होता, वह घर के किसी भी पवित्र स्थान पर कर सकते हैं।

4. पितृपक्ष में श्राद्ध आदि शाम, रात या तड़के नहीं किया जाता है। यह हमेशा दिन में ही किया जाता है।

5. पितृपक्ष में कर्मकांड करने वाले व्यक्ति को बाल और नाखून काटने की मनाही होती है इसके अलावा उसे दाढ़ी भी नहीं कटवानी चाहिए।

6. पितृपक्ष में किसी भी शुभ कार्य को करने या नई चीज खरीदने की मनाही होती है।

देश दुनिया की बड़ी खबरों के लिए यहां करें क्लिक


लेखक के बारे में

IBC24 डिजिटल में कंटेंट राइटर के रूप में कार्यरत हूं, जहां मेरी जिम्मेदारी मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ की राजनीति सहित प्रमुख विषयों की खबरों की कवरेज और प्रस्तुति है। वर्ष 2016 से डिजिटल पत्रकारिता में सक्रिय हूं और अब तक 8 वर्षों का अनुभव प्राप्त किया है। विभिन्न प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में कार्य करते हुए न्यूज़ राइटिंग और डिजिटल टूल्स में दक्षता हासिल की है। मेरे लिए पत्रकारिता सिर्फ पेशा नहीं, बल्कि जिम्मेदारी है—सटीक, तेज और असरदार जानकारी पाठकों तक पहुंचाना मेरा लक्ष्य है। बदलते डिजिटल दौर में खुद को लगातार अपडेट कर, कंटेंट की गुणवत्ता बेहतर करने के लिए प्रतिबद्ध हूं।