प्रदूषण से निपटने के लिये नीतिगत-प्रौद्योगिकी पहल, गुणवत्ता मानक सुदृढ़ कर रहे हैं: प्रशांत गार्गव |

प्रदूषण से निपटने के लिये नीतिगत-प्रौद्योगिकी पहल, गुणवत्ता मानक सुदृढ़ कर रहे हैं: प्रशांत गार्गव

प्रदूषण से निपटने के लिये नीतिगत-प्रौद्योगिकी पहल, गुणवत्ता मानक सुदृढ़ कर रहे हैं: प्रशांत गार्गव

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:10 PM IST, Published Date : September 12, 2021/12:56 pm IST

नयी दिल्ली, 12 सितंबर (भाषा) सर्दियां आते ही दिल्ली सहित अनेक शहरों में प्रदूषण की परत छाने लगती है और इसके कारण बच्चों, बुजुर्गों सहित लोगों को स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में इस समस्या से निजात पाने के लिये क्या प्रयास किए जा रहे हैं और क्या इन प्रयासों से जमीनी स्तर पर फर्क देखने को मिलेगा?

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के सदस्य सचिव प्रशांत गार्गव से इस संबंध में किए गए ‘भाषा के पांच सवाल’ और उनके जवाब :

सवाल : सर्दियां आते ही दिल्ली सहित कई शहरों में प्रदूषण का प्रभाव देखने को मिलता है। इसको ध्यान में रखते हुए क्या तैयारियां की जा रही हैं ?

जवाब: दिल्ली एवं राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में प्रदूषण की समस्या महत्वपूर्ण मुद्दा है और इस दृष्टि से हम स्थितियों को बेहतर बनाने के लिये अतिरिक्त प्रयास कर रहे हैं । दिल्ली में 40 स्थानों पर वायु गुणवत्ता की वास्तविक आधार पर निगरानी की जा रही है तथा निर्माण स्थलों पर धूल कणों के निवारण की व्यवस्था की जा रही है। उद्योगों ने पाइप्ड नेचुरल गैस (पीएनजी) को अपनाया है, स्मॉग टावर स्थापित करने पर काम हो रहा है तथा पेट्रोल पम्पों पर वाष्प शोधन प्रणाली स्थापित की गई है। दिल्ली में प्रदूषण के ‘हॉट स्पाट’ (मुख्य स्थलों) की पहचान की गई है क्योंकि किसी भी शहर में प्रदूषण का स्तर हर जगह समान नहीं होता है। ऐसे में इन हॉट स्पाट की पहचान करने से हमें प्रभावी कदम उठाने में मदद मिलेगी । दिल्ली में प्रदूषण को ध्यान में रखते हुए सूक्ष्म स्तर पर कार्यक्रम तैयार किये गए हैं। हम सभी एजेंसियों के साथ मिलकर सक्रियता से काम कर रहे हैं । हम उम्मीद करते है कि इन प्रयासों से आने वाले समय में स्थितियां और बेहतर होंगी ।

सवाल : देश में वायु गुणवत्ता आकलन के लिये नीतिगत एवं अन्य स्तर पर क्या कदम उठाये जा रहे हैं ?

जवाब : अभी देश में 139 शहरों के लिये वायु गुणवत्ता सूचकांक जारी किये जा रहे हैं और इसे बेहतर बनाने की दिशा में लगातार काम हो रहा है। हम मानकों को सुदृढ़ बनाने पर काम कर रहे हैं । केंद्र सरकार की ओर से कई कदम उठाये गए तथा आईआईटी, सीएसआईआर लैब तथा राज्य इंजीनियरिंग कॉलेजों की सहभागिता से वायु गणवत्ता को बेहतर बनाने के उपाए किये जा रहे हैं।

सवाल : देश में वायु प्रदूषण को लेकर क्या स्थिति है ?

जवाब : प्रदूषक तत्व (पीएम) 2.5 उत्सर्जन मुख्यत: दहन संबंधी स्रोतों से होता है जबकि पीएम 2.5-10 उत्सर्जन धूल कण संबंधी स्रोतों, निर्माण स्थलों एवं ऐसे ही अन्य स्थानों पर होता है । अध्ययनों में यह बात आई है कि दहन संबंधी स्रोतों का प्रदूषण में अधिक योगदान होता है। अगर हम वर्ष 2016 से 2020 के आंकड़ों को देखें तब स्पष्ट होता है कि वायु की गुणवत्ता की दृष्टि से वर्ष 2016 में औसत से अच्छे 108 दिन थे और यह वर्ष 2020 में 220 दिन रहे। अनेक स्थानों पर सल्फर डाई ऑक्साइड की मात्रा और नाइट्रोजन ऑक्साइड की स्थिति में सुधार के संकेत मिले हैं।

सवाल : देश में वायु गुणवत्ता सुधार के लिये क्या कदम उठाये जा रहे हैं ?

जवाब : सरकार ने राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम शुरू किया है जिसके तहत 2024 तक प्रदूषक तत्वों की मात्रा में 20 प्रतिशत से 30 प्रतिशत तक कटौती का लक्ष्य है। इसके साथ समग्र रूप में देश भर में वायु प्रदूषण की समस्या से पार पाने के लिए एक दीर्घकालिक, समयबद्ध, राष्ट्रीय स्तर की रणनीति पर काम हो रहा है। शहरों में वायु गुणवत्ता को बेहतर बनाने को लेकर कुछ समय पहले राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों, शहरी स्थानीय निकायों और प्रतिष्ठित संस्थानों के बीच समझौता ज्ञापन हुआ है ।

सवाल : प्रदूषणकारी तत्वों में कचरा एक बड़ी समस्या है, इस दिशा में क्या काम किया जा रहा है ?

जवाब : प्रदूषण फैलाने में कचरा का बड़ा योगदान है। इससे निपटने के लिये सामुदायिक स्तर पर लोगों के व्यवहार में बदलाव की जरूरत है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड उत्पादकों की जवाबदेही के मुद्दे पर काफी ध्यान दे रहा है, खास तौर पर प्लास्टिक एवं बहु स्तरीय पैकेजिंग के विषय पर ।

भाषा दीपक प्रशांत

प्रशांत

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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