नए साल में पेट्रोल-डीजल पर लगाया जा सकता है प्रीमियम टैक्स ! कंपनियों के प्रस्ताव पर सरकार कर रही विचार | Premium tax can be imposed on petrol and diesel in the new year! Government is considering the proposal of companies

नए साल में पेट्रोल-डीजल पर लगाया जा सकता है प्रीमियम टैक्स ! कंपनियों के प्रस्ताव पर सरकार कर रही विचार

नए साल में पेट्रोल-डीजल पर लगाया जा सकता है प्रीमियम टैक्स ! कंपनियों के प्रस्ताव पर सरकार कर रही विचार

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:12 PM IST, Published Date : December 22, 2019/3:01 pm IST

नई दिल्ली। अंतर्राष्ट्रीय कीमतों में उतार-चढ़ाव से इतर पेट्रोल-डीजल की कीमतों में इजाफा किया जा सकता है। दरअसल केंद्र सरकार एक प्रस्ताव पर विचार कर रही है जिसके तहत तेल वितरण कंपनियों को पेट्रोल-डीजल पर प्रीमियम टैक्स लगाने की अनुमति दी जानी है। यह प्रीमियम टैक्स तेल वितरण कंपनियों की ओर से रिफाइनरियों को बीएस-6 फ्यूल अपग्रेडेशन में किए गए निवेश की पूर्ति करने के लिए लगाया जा सकता है।

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सूत्रों की मानें तो सरकारी और प्राइवेट तेल वितरण ने पेट्रोलियम मंत्रालय को एक प्रस्ताव भेजा है। इस प्रस्ताव में कंपनियों ने मंत्रालय से बीएस-6 अपग्रेडेशन में किए गए निवेश की पूर्ति के लिए पेट्रोल-डीजल की कीमत बढ़ाए जाने की अपील की है। इसके लिए तेल कंपनियों ने एक्सट्रा प्रीमियम टैक्स लगाने का प्रस्ताव दिया है। यदि सरकार इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लेती है तो पेट्रोल पर 80 पैसे प्रति लीटर और डीजल पर 1.50 रुपए प्रति लीटर का प्रीमियम टैक्स लगाया जा सकता है। सूत्रों की मानें तो ये नया टैक्स ग्राहकों से पांच साल तक वसूला जाएगा।

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अतरराष्ट्रीय तेल बाजार मांग में कमी रहने के कारण पिछले कुछ समय से घरेलू तेल वितरण कंपनियां ने कई बार पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कमी की है। यदि पेट्रोल-डीजल पर प्रीमियम टैक्स लगाने की अनुमति दे दी जाती है तो इसका असर वैश्विक स्तर पर नहीं पड़ेगा लेकिन घरेलू स्तर पर इन दोनों ईंधन की कीमतें अपने अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंच जाएंगी। 2

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निजी क्षेत्र की रिफाइनरी के जानकारों के मुताबिक रिफाइनरीज को अपग्रेडेशन में हुए निवेश की पूर्ति के लिए पेट्रोल-डीजल की रिटेल कीमत में बढ़ोतरी करना एक विकल्प है। पेट्रोलियम मंत्रालय को निवेश की रिकवरी के लिए एक विस्तृत प्लान बनाकर भेजा गया है, अब हम मंत्रालय के निर्देशों का इंतजार हैं। आंकड़ों के अनुसार 2017 से अब तक बीएस-6 अपग्रेडेशन पर सरकारी तेल कंपनियां इंडियन ऑयल, हिन्दुस्तान पेट्रोल और भारत पेट्रोलियम करीब 80 हजार करोड़ रुपए का निवेश कर चुकी हैं। इसके अलावा प्राइवेट तेल कंपनियां नायरा एनर्जी (पूर्व में एस्सार ऑयल), रिलायंस इंडस्ट्रीज ने भी अपग्रेडेशन पर भारी-भरकम निवेश किया है।

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एक रिपोर्ट में कहा गया है कि यदि आने वाले समय में तेल की मांग में स्थिरता रहती है और वाहनों का बड़ा भाग इलेक्ट्रिक मोबिलिटी की ओर शिफ्ट हो जाता है तो ऐसे में एक विशेष प्लान के बिना सरकारी तेल कंपनियों की ओर से अपग्रेडेशन पर किए गए निवेश की रिकवरी नहीं हो पाएगी। सरकार पहले ही संकेत दे चुकी है कि वह 2030 में देश ज्यादा से ज्यादा इलेक्ट्रिक व्हीकल को बढ़ावा देना चाहती है। तेल कंपनियां अन्य विकल्पों पर विचार कर रही हैं लेकिन पारंपरिक फ्यूल की खपत में कमी के कारण कंपनियों के सामने निवेश की तुरंत रिकवरी का चैलेंज पैदा हो गया है। इस मामले में एक सरकारी अधिकारी का कहना है कि तेल कंपनियों ने यह मुद्दा उठाया है और सरकार अभी इस पर विचार कर रही है। पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी वाले फॉर्मूला पर अंतिम फैसला लेने से पहले सरकार अन्य विकल्प भी तलाश रही है।

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