चंडीगढ़, 16 मई (भाषा) पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने अपनी प्रकार के पहले जनसंवाद कार्यक्रम ‘लोक मिलनी’ का सोमवार को आरंभ करते हुए लोगों की समस्याएं सुनीं और उनके निपटान के लिए निर्देश जारी किए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस संवादात्मक कार्यक्रम का लक्ष्य लोगों को उनकी शिकायतों के निवारण के लिए एकल खिड़की मंच प्रदान करना है।
राज्य के विभिन्न हिस्सों से लोग पंचायत जमीन के अतिक्रमण, भूमि विवाद, शगुन योजना के लंबित बकाये आदि संबंधी कई शिकायतें लेकर पहुंचे। कार्यक्रम में उन लोगों को बुलाया गया था, जिन्होंने पिछले दो महीने में आम आदमी पार्टी (आप) के नेतृत्व वाली सरकार से शिकायतें की थी।
मान ने यहां पंजाब भवन में ‘लोक मिलनी’ की शुरुआत करते हुए कहा, ‘‘मेरी सरकार ने यह सुनिश्चित करने के लिए एक विनम्र कदम उठाया है कि हम लोगों की लंबे समय से लंबित प्रशासनिक समस्याओं का समाधान कर सकें।’’
एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, मान ने कहा कि उनकी सरकार के शीर्ष अधिकारी यह सुनिश्चित करने के लिए ‘लोक मिलनी’ कार्यक्रम में उनके साथ शामिल होंगे कि लोगों द्वारा उठाई गई समस्याओं का तत्काल मौके पर निपटारा हो सके।
मान ने कहा कि इस कार्यक्रम का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि लोगों को अपने काम कराने के लिए दर-दर न भटकना पड़े।
‘लोक मिलनी’ के दौरान मुख्यमंत्री के समक्ष कम से कम 61 शिकायतकर्ताओं ने अपनी शिकायतें दर्ज कराईं। मान ने इस दौरान उपस्थित विभिन्न विभागों के शीर्ष अधिकारियों से लोगों की शिकायतों का समयबद्ध तरीके से समाधान करने को कहा।
मान ने कहा कि राज्य सरकार नशीले पदार्थों के खिलाफ कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति अपना रही है और राज्य से इस बुराई को पूरी तरह दूर कर दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि पुलिस भर्ती परीक्षा के पारदर्शी परिणामों की जल्द घोषणा की जाएगी।
मान के जनसंवाद कार्यक्रम के बारे में सोशल मीडिया के जरिए जानकारी मिलने के बाद कई लोग अपनी शिकायतें लेकर कार्यक्रम में पहुंचे। उन्होंने दावा किया कि उन्हें भीतर जाने की अनुमति नहीं दी गई, क्योंकि उनका नाम उन लोगों की सूची में शामिल नहीं था, जिन्हें अंदर जाने की इजाजत दी गई थी। पंजाब भवन में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दिए जाने पर कुछ लोगों ने विरोध भी दर्ज कराया। बाद में, उनकी शिकायतों एवं ज्ञापनों को स्वीकार किया गया, ताकि उन पर आगे कार्रवाई हो सके।
इस बीच, कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने मान के नेतृत्व वाली सरकार से कहा कि लोगों को अपनी समस्याओं के समाधान के लिए उनके पास क्यों आना चाहिए, इसके बजाय सरकार को उनके द्वार पर जाना चाहिए।
कांग्रेस नेता सुखपाल सिंह खैरा ने कहा कि अगर मुख्यमंत्री को हर समस्या का समाधान खुद करना है तो उन्हें पंजाब की पूरे कार्यकारी तंत्र को भंग कर देना चाहिए।
भाषा सिम्मी माधव
माधव
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