मामले की सुनवाई में स्थगित करने के लिए कारण अवश्य ही वास्तविक होने चाहिए : मद्रास उच्च न्यायालय |

मामले की सुनवाई में स्थगित करने के लिए कारण अवश्य ही वास्तविक होने चाहिए : मद्रास उच्च न्यायालय

मामले की सुनवाई में स्थगित करने के लिए कारण अवश्य ही वास्तविक होने चाहिए : मद्रास उच्च न्यायालय

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:26 PM IST, Published Date : December 14, 2021/7:28 pm IST

चेन्नई, 14 दिसंबर (भाषा) मद्रास उच्च न्यायालय ने मामले की सुनवाई में ‘स्थगित’ करने के लिए कारण के अवश्य ही वास्तविक होने पर जोर दिया है। इसके साथ ही न्यायालय ने जिला एवं सत्र अदालत, तिरूवन्नामलाई को एक सामाजिक कार्यकर्ता की हत्या के मामले की सुनवाई की तारीख पहले लाते हुए जनवरी के प्रथम हफ्ते में देने का निर्देश दिया।

न्यायमूर्ति एस. एम. सुब्रमण्यम ने कहा कि उस तारीख पर, आरोपपत्र से जुड़ी प्रक्रिया पूरी कर ली जाए और उसके बाद बगैर कोई देर किये मुकदमा शुरू कर दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि न्यायाधीश मुकदमे की सुनवाई आगे बढ़ाएंगे और मामले का निस्तारण छह महीने के अंदर करेंगे।

अलेयम्मा जोसेफ की एक रिट याचिका पर पिछले हफ्ते यह निर्देश देने वाले न्यायाधीश ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि अनावश्यक रूप से सुनवाई स्थगित नहीं की जानी चाहिए और यदि इसके के लिए कोई अनुरोध मिले तो इसके कारण अवश्य दर्ज किया जाए तथा कारण अवश्य ही वास्तविक होना चाहिए।

यह मामला सामाजिक कार्यकर्ता राज मोहन चंद्रा की हत्या से संबंधित है। याचिका में राज्य सरकार को इस हत्याकांड की साजिश का पता लगाने के लिए उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में न्यायिक आयोग गठित करने और मृतक की विधवा को एक करोड़ रुपए की मुआवजा राशि का भुगतान करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है।

न्यायाधीश ने कहा कि यह मामला पिछले आठ साल से स्थगित हो रहा है और अभी तक आरोपियों को आरोप पत्र भी नहीं दिया गया है। यह मामला अंतिम बार सात दिसंबर को सूचीबद्ध हआ था और अब यह 10 फरवरी के लिए सूचीबद्ध है। न्यायालय ने कहा कि इतनी लंबी अवधि के लिए मुकदमों की सुनवाई स्थगित करने से बचा जाना चाहिए।

भाषा

सुभाष अनूप

अनूप

 

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