नई दिल्ली। इंदौर में सड़क हादसे में दिल्ली पब्लिक स्कूल के 5 छात्रों की दर्दनाक मौत के बाद देश में एक बार फिर से स्कूली छात्रों की सुरक्षा एक गंभीर चिंता का विषय बनकर उभरा है। हरियाणा के गुरुग्राम में प्रद्युम्न नाम के छात्र की स्कूल में हुई हत्या के बाद भी स्कूली बच्चों की सुरक्षा का मुद्दा सुर्खियों में आया था। इसी सिलसिले में सुप्रीम कोर्ट में दाखिल एक जनहित याचिका पर संज्ञान लेते हुए देश के सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से इस बारे में जवाब मांगा गया है। उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि 19 जनवरी तक सभी अपना जवाब दाखिल करें, जिसके बाद 23 जनवरी को इस मामले की अगली सुनवाई होगी। इस जनहित याचिका में पूरे देश में स्कूली बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए दिशानिर्देश की अपील की गई है।
Supreme Court asked all states & Union Territories to file a response by January 19 on a PIL seeking guidelines to ensure safety & security of school children across the country, fixed January 23 to be the next date of hearing
— ANI (@ANI) January 8, 2018
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद हरियाणा, कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश की राज्य सरकारों ने अपना जवाब दाखिल करा दिया है, लेकिन बाकी राज्यों की ओर से जवाब आना अभी बाकी है, ऐसे में सर्वोच्च न्यायालय ने 23 जनवरी को होने वाली अगली सुनवाई से चार दिन पहले जवाब दाखिले की सीमा निर्धारित कर दी है।
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स्कूली बच्चों की सुरक्षा के लिए वैसे तो पहले से सुप्रीम कोर्ट की ओर से दिशानिर्देश जारी किए जा चुके हैं, लेकिन स्कूलों की ओर से इन दिशानिर्देशों की अनदेखी की शिकायतें अक्सर आती रही हैं। निजी स्कूलों का कहना है कि उनके यहां गाइड लाइन का पूरा पालन किया जाता है, लेकिन सरकारी स्कूलों में इसका पालन नहीं होता है, इसलिए अतिरिक्त गाडइलाइन बनाए जाने की आवश्यकता है। रेयान इंटरनेशनल स्कूल में छात्र की हत्या के बाद जनता की ओर से भी ये आवाज़ उठी थी कि जो स्कूल बच्चों की सुरक्षा के मानकों की अनदेखी करते हैं, उनका लाइसेंस रद्द कर दिया जाना चाहिए।
वेब डेस्क, IBC24